जम्मू-कश्मीर के इतिहास में शेख अब्दुल्ला और जवाहरलाल नेहरू की जुगलबंदी ने राज्य को एक ऐसी अंधेरी खाई में धकेल दिया, जिसका परिणाम हम आज अलगाववाद और आतंकवाद के रूप में देख रहे हैं। 1947 में जब भारत आज़ाद हुआ, तब देशी रियासतों के पास दो विक
भारत की भूमि पर अनेक महानायकों ने जन्म लिया है। आज यानि 23 सितंबर को ऐसे ही एक महानायक महाराजा हरि सिंह की 128 वीं जयंती है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर समेत संपूर्ण देश को अपने दूरदर्शी सोच से एक नई दिशा प्रदान की थी। जिसके कारण आज जम्मू-कश्
केंद्र की मोदी सरकार भारतीय सेना को पूरी तरह से आत्मनिर्भर, सशक्त और मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय थल सेना के लिए 155 मिमी/52 कैलिबर की K9 वज्र-टी स्वचालित तोपों
मई 1999 में, जब करगिल सेक्टर में पाकिस्तान की घुसपैठ हो रही थी, एक लद्दाखी चरवाहे ताशी नामग्याल (Tashi Namgyal ) ने भारतीय सैनिकों को सचेत किया था। यह साहसिक कार्य भारतीय सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि उनके द्वारा दी गई जानकारी