गिलगित-बल्तिस्तान (POJK) में पानी के लिए हाहाकार, डेमोग्राफी चेंज करने के लिए पाकिस्तान ने बनाया Water-Crisis Plan
पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर का हिस्सा गिलगित-बल्तिस्तान दुनिया सबसे बड़े ग्लेशियर्स में से एक ग्लेशियर का क्षेत्र है। जो ताजा पानी की नदियों-धाराओं का क्षेत्र है। लेकिन यहां रहने वाले लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है। रिहायशी इलाकों में पीने-लायक पानी उपलब्ध नहीं है। इसके पीछे पाकिस्तान का एक खतरनाक प्लान काम कर रहा है। इस प्लान के तहत बहुत ही सिलसिलेवार तरीकों से गिलगित-बल्तिस्तान में Water-Crisis पैदा किया जा रहा है। ताकि लोग पानी की कमी के चलते पाकिस्तान के दूसरे शहरी इलाकों दूसरे इलाकों में बसें या फिर गिलगित बल्तिस्तान के ही प्लानंड रिहायशी इलाकों लोगों को बसाया जाये। इसकी दो मुख्य वजहे हैं।
1. गिलगित-बल्तिस्तान में डेमोग्राफी चेंज कर, यहां के नैचुरल रिसोर्सेस पर कब्जा करना
2. चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त माहौल पैदा करना
कारण-1
पहली नजर में ये बातें बचकाना दिखाई देती हैं। लेकिन सालों रिसर्च करने विशेषज्ञों ने इसी प्लान की कड़िय़ों की ओर इशारा किया है। वर्ल्ड बैंक के The United Nationals Development Program (UNDP) और आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट्स में पाकिस्तान सरकार को चेताया है कि यहीं हाल रहा तो 2025 तक पाकिस्तान भयंकर सूखे की चपेट में आ सकता है। इन रिपोर्ट्स को पाकिस्तान सरकार की पाकिस्तान काउंसिल ऑफ रिसर्च इन वॉटर रिसोर्सेस ने भी कंफर्म किया है। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक तो पाकिस्तान 2050 तक पूरी तरह बंजर में तब्दील हो जायेगा।
चीफ जस्टिस (रिटायर्ड) साकिब निसार ने चंदा इकठ्ठा दियामीर-बाशा डैम बनाने की कवायद शुरू की। जिसकी लागत 14 बिलियन डॉलर होगी। लेकिन विदेशों में दौरों, पाकिस्तान आर्मी के प्रोग्रामों और इमरान खान की अपील के बावजूद अब सिर्फ 70 मिलियन डॉलर ही इकठ्ठा हो पाया है।
जाहिर है पाकिस्तान सरकार अचानक सकते में आ गयी, नतीजा ये हैं कि पाकिस्तान ने सीधे-सीधे गिलगित-बल्तिस्तान के वॉटर रिसोर्सेस पर कब्जे का प्लान बनाया। पाकिस्तान ने लेकिन यहां दिक्कत ये है कि पाकिस्तान सरकार ने भी अब तक इस क्षेत्र को स्वायत्त राज्य का दर्जा दे रखा है। लिहाजा पाकिस्तान को यहां स्थानीय आबादी से खासा विरोध झेलना पड़ रहा है। इस बीच पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के हालिया रिटायर हुए चीफ जस्टिस ने गिलगित-बल्तिस्तान और पाकिस्तान के ठीक ‘बॉर्डर’ पर दियामीर-बाशा डैम बनाने का प्लान शुरू कर दिया है। स्थानीय आबादी ने इसका जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है। लिहाजा अपनी आबादी को बचाने के लिए पाकिस्तान के पास एक ही प्लान बचा था, गिलगित-बल्तिस्तान की आबादी को उजाड़ो।
लिहाजा उसने पानी को ही हथियार बनाकर उनके हटाने का प्लान लागू कर दिया है। नतीजा ये है कि स्थानीय लोग पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। स्थानीय लोगों को समझाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने CPEC (चायना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कोरिडोर) और उनके प्रोजेक्ट्स के बहाने विकास का झांसा देना शुरू कर दिया है। लेकिन ये भी उनके ग्रांड-प्लान का एक ही सूत्र है।
पाकिस्तान में पानी की समस्या को बयां करती तस्वीर
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चीन एशिया में अपने इकॉनोमिक वर्चस्व को बढाने के लिए Belt and Road Initiative (BRI) शुरू किया है। जिसके तहत चीन और पाकिस्तान के बीच गिलगित बल्तिस्तान से होता हुआ एक इकॉनोमिक कोरिडोर (CPEC) तैयार हो चुका है। जिसकी दूसरी कड़ी में अब चीन सीपेक के आसपास के इलाकों में कई इंडस्ट्रीयल, इकॉनोमिक और हाइड्रो-प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर चुका है।
चीन-पाकिस्तान के कब्ज़े को लेकर जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो लोगों को रोजग़ार का बहाना बनाकर रोका गया। लेकिन जब प्रोजेक्ट्स शुरू हुए तो चीनी कंपनियों ने स्थानीय लोगों को रोजगार देने से ये कहते हुए मना कर दिया कि स्थानीय लोग Skilled नहीं हैं, किसी काम के नहीं हैं।
ग्लोबल सोशल साइंसेस रिव्यू में चायना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कोरिडोर (CPEC) और उसके इम्पैक्ट्स पर छपी एक रिपोर्ट में भी इन्हीं खतरों की ओर इशारा किया गया है।
अब पाकिस्तान सरकार के ऊपर इन स्थानीय लोगों को हटाने के चीनी दबाव भी है क्योंकि वो चीनी प्रोजेक्ट्स में रूकावट पैदा कर रहे हैं। लिहाजा स्थानीय लोगों को हटाने के लिए पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय में Water-Crisis प्लान और तेज़ कर दिया गया।
दूसरी तरफ इसका विरोध कर रहे लोकल लीडर्स को एजेंसियों की शह पर जेल में डालकर खौफ पैदा किया जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में गिलगित-बल्तितान से लेकर पीओजेके के एक और हिस्से आजाद कश्मीर में भी विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन तेज़ हो गये हैं। इसके नतीज़ों का अंदाजा अभी लगाना मुश्किल है लेकिन इतना तय है आने वाले दिनों में पीओजेके में पाकिस्तान बड़ी मुश्किल का सामना करना होगा। POJK में आजादी की नयी तहरीक का सामना.. ।