OIC में भारत की मेहमाननवाज़ी से तिलमिलाया पाकिस्तान, 50 साल के इतिहास में पहली बार मीटिंग में शामिल नहीं हुआ फाउंडिंग मेंबर पाकिस्तान
   01-मार्च-2019

 
 
भारत और पाकिस्तान में जंग न सिर्फ एलओसी पर छिड़ी है, बल्कि ये जंग अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक स्तर पर भी चल रही है। भारत ने हर मोर्च पर पाकिस्तान को शिकस्त दी है। लेकिन पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी शिकस्त साबित हुई, मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी यानि ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन में। जोकि इस वक्त आबू धाबी में चल रही है। इसमें तमाम OIC सदस्यों देशों को विदेश मंत्री मौजूद हैं। जिसमें भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को खास मेहमान के तौर पर बुलाया गया है। बालाकोट में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने ओआईसी को धमकी दी थी, कि अगर मीटिंग में भारत को बुलाया गया तो पाकिस्तान उसमें शामिल नहीं होगा। पाकिस्तान ने यहां तक कहा कि फाउंडिंग मेंबर होने के नाते भारत को बुलाने से पहले उनसे पूछा तक नहीं गया। लेकिन OIC ने पाकिस्तान की नहीं सुनी और न ही पाकिस्तान के पक्ष में कोई बयान दिया। खुद को इस्लामिक देशों का एकमात्र एटमी ताकत का दंभ भरने वाले पाकिस्तान के लिए इससे ज्यादा बेइज्जती की बात कोई हो नहीं सकती थी। लिहाजा पाकिस्तान ने प्रेस रिलीज जारी कर ओआईसी में न जाने पर अपनी भड़ास निकाली है।
 
 
 
 
 
ऐसा पहली बार होगा जब 50 साल के इतिहास में पाकिस्तान ने पहली बार OIC का बायकॉट किया है। आपको बता दें कि OIC एक इस्लामिक देशों का संगठन है जोकि 1969 में बना था। इसमें इस वक्त 57 देश सदस्य हैं। इस संगठन का मकसद है मुस्लिम देशों के हितों की रक्षा करना और सामाजिक, धार्मिक, साइंस, बिजेनस संबंधी आपसी तालमेल बढाना। पाकिस्तान शुरूआत से ही इस संगठन का सदस्य रहा है और एटमी ताकत होने के नाते पाकिस्तान खुद को इस संगठन में ऊंचे मुकाम पर रखने की कोशिश करता रहता है। अक्सर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान OIC के जरिये भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में लगा रहता है। पुलवामा हमले के बाद भी पाकिस्तान भारत पर दबाव डालने के लिए OIC से गुहार लगाई थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।