लॉकडाउन में लोगों की मदद कर रहे आरएसएस स्वयंसेवक, जरूरतमदों में बांट रहे भोजन और राशन सामग्री
   31-मार्च-2020
 
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कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। लेकिन इसी बीच देश के तमाम हिस्सों में आरएसएस के स्वयंसेवक अपने घरों से बाहर निकलकर जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे है।  दरअसल अचानक लॉकडाउन के आदेश के बाद देश के कई हिस्सों में गरीब, मजदूर फंस गये है, जिन्हें खाने की बड़ी दिक्कत हो रही है। कुछ मजदूर तो दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों से पैदल ही अपने गांव की तरफ निकल पड़े है। ऐसी स्थिति में देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अपने घरों से बाहर निकलकर जरूरतमंदो को खाना और अन्य जरूरी सामग्री मुहैया करा रहे है।
 
 
 वहीं जम्मू की रहने वाली 87 वर्षीय खालिदा बेगम ने देश में चल रहे संकट के बीच अपनी हज की यात्रा की जगह देश की सेवा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने सेवा भारती के सेवा कार्यों से प्रभावित होकर 5 लाख रुपए की राशि  जरूरतमंदों की सहायता प्रदान करने के लिए दी है। बता दें कि खालिदा बेगम जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार फारुख खान की माता जी हैं ।
 
 

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इन तस्वीरों में देखिए आरएसएस का सेवाभाव



महाराष्ट्र के नागपुर में संघ के कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों को खाने के पैकेट और राशन की वस्तुएं दी।
 
 
 

कर्नाटक में भी संघ द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में नियमित रूप से जरूरतमंदों को राशन और जरूरी चीजें दी जा रही
 है।
 
 
उत्तर प्रदेश में बीते पांच दिनों से लगातार दिल्ली, हरियाणा से वापस अपने गांव जा रहे लोगों को संघ द्वारा लखनऊ, औरेया, इटावा, अकबरपुर, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी समेत कई जगहों पर खाने के पैकेट और पानी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
 

 
 

जम्मू में संघ द्वारा नागरिकों के साथ ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाबलों को भी नियमित रूप से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
 


दिल्ली के द्वारका में भी आरएसएस के स्वयंसेवक आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) के सदस्यों द्वारा लगातार जरूरतमंदों में खाद्य सामग्री वितरित की जाती है।
 


 


पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद सहित विभिन्न इलाकों में भी आरएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा जरूरतमंद परिवारों को राशन और सब्जियों का वितरण किया जा रहा है।
 


 

 

इसके अलावा राजधानी लखनऊ में संघ की ओर से जरूरतरमंदों को राहत पैकेट भी दिए जा रहे हैं। इन राहत पैकेटों में 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, 3 किलो दाल, 1 किलो नमक, 5 किलो आलू, आधा किलो सरसों का तेल, और सब्जी मसाला दिया जा रहा है।
 


 


जम्मू में झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों के बीच भी स्वयंसेवक राहत सामग्री बांट रहे है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में जिनको भोजन नहीं मिल रहा है उन्हें दैनिक रूप से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं ओडिशा एवं कर्नाटक में कई जगहों पर मास्क एवं दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। राजस्थान के चितौड़ में भी जिन लोगों को खाना उनकी हर रोज की कमाई से ही मिलता था, ऐसे लोगों के लिए स्वयंसेवक खुद भोजन तैयार कर रहे हैं।
 
 
 
 
 


आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने स्वयंसेवकों से अपील करते हुए कहा था है कि “सभी स्वयंसेवक समाज में स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की योजना करें तथा जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था करें।”
 



वहीं आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने भी कहा है कि स्वयंसेवक जहां रहते हैं उस मोहल्ले में रहने वाले मजदूर एवं विद्यार्थियों की खाद्य सामग्री की चिंता करें। साथ ही जिन बुजूर्गों के बच्चे बाहर रहते हैं उनके भोजन, दवा एवं अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रखें।
 


बता दें कि देश में लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद से ही देश के तमाम हिस्सों में मौजूद स्वयंसेवक अपने घरों से निकलकर लगातार जरूरतमदों की मदद कर रहे है। स्वयंसेवक अपने इलाकों में नियमित रूप से सभी जरूरतमंदो, गरीबों तक राशन, खाना सहित जरूरी चीजें मुहैया करा रहे है।