कोरोना संकट के बीच भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार लगातार जारी है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बार फिर बीते सोमवार को तीन नाबालिग हिंदू लड़कियों को अगवा करने और धर्म परिवर्तन कराकर शादी कराने का मामला सामने आया है। पहला मामला सिंध प्रांत के टंडो मोहम्मद खान जिले का है। जहां पर एक मुस्लिम युवक ने पहले शेवानी नाम की एक लड़की को अगवा करके उसे जबरन इस्लाम कबूल कराया। जिसके बाद उसने उस लड़की से शादी कर ली। वहीं दूसरा मामला भी सिंध प्रांत के टंडो मोहम्मद खान का ही है। जहां पर मुस्लिम युवकों ने पहले 15 वर्षीय लड़की सनतारा को हथियार के बल पर अगवा किया। जिसके बाद मौलवियों ने उस नाबालिग लड़की को जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसकी शादी एक मुस्लिम युवक से करा दी।
इसके अलावा तीसरा मामला सिंध के मीरपुरखास
का है। जहां पर हथियार के बल पर मुस्लिम युवकों ने पहले एक हिंदू लड़की को अगवा करके
जबरन धर्म-परिवर्तन कराया। जिसके बाद उस लड़की की शादी एक मुस्लिम युवक से करा दी। लड़की की पहचान भगवंती कोहली के रूप में हुई है।
खबरों के मुताबिक पुलिस ने बहुत देर के बाद भगवंती के पिता की एफआईआर दर्ज
की। भगवंती के पिता ने बताया कि आरोपियों ने धमकी दी है अगर वह अपनी बेटी
को वापस लेकर जायेंगे, तो वह उसकी हत्या कर देंगे। क्योंकि इस्लाम कबूल
करने के बाद इस्लाम छोड़ने की सजा मौत होती है। पाकिस्तान में हिंदूओं समेत
सभी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है। लेकिन इमरान सरकार के अधिकारी इस
पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि अमेरिका में स्थित सिंधी फाउंडेशन के मुताबिक सिंध प्रांत में हर साल करीब 1 हजार हिंदू लड़कियों को अगवा करके उन्हें जबरन इस्लाम कबूल कराया जाता है। इन लड़कियों की उम्र 12 से 28 साल के बीच होती है। धर्म परिवर्तन कराने के बाद मौलवी इनकी शादी मुस्लिम युवकों से करा देते हैं। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमेशा दावा करते है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित है। लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल उलट है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव ,हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप, जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।