भारतीय सेना ने पाकिस्तान और चीन के ड्रोन हमलों से निपटने के लिए एक नई रणनीति तैयार की है। दुश्मनों के ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए सेना ने अब 'चील' को प्रशिक्षित किया है, जिसका नाम 'अर्जुन' रखा गया है। अर्जुन को इस तरह से प्रशिक्षित किया गया है जिससे कि वो दुश्मनों द्वारा भेजे गए ड्रोन के खतरे को खत्म करने में सहयोग करेगा। उत्तराखंड के औली में भारत-अमेरिका के संयुक्त प्रशिक्षण युद्ध अभ्यास के दौरान भारतीय सेना ने इसका एक उदहारण भी पेश किया। बता दें कि दुश्मनों के ड्रोन का शिकार करने के लिए इस तरह का प्रयोग पहली बार हुआ है।
युद्धाभ्यास के दौरान दिखी झलक
दरसल युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय सेना ने एक ऐसी स्थिति पैदा की थी जिसमें चील और सैन्य डॉग्स को दुश्मन के ड्रोन को खोजकर उसे ख़त्म करना था। लिहाजा डॉग्स ने जैसे ही ड्रोन्स के उड़ने की आवाज सुनी उसने चील कमांडो अर्जुन की तरफ देख कर भौंकना शुरु कर दिया। अर्जुन ने उड़ान भरी और दुश्मन के ड्रोन को अपने पंजों से मार गिराया। असल में यह एंटी ड्रोन चील है। भारतीय सेना चीलों और कुत्तों को ऐसे मिशनों के लिए प्रशिक्षित कर रही है। ये ट्रेनिंग मेरठ के रीमाउंट वेटरीनरी कोर में जा रही है।
दुश्मनों के नापाक मंसूबों का होगा खात्मा
लिहाजा अक्सर पडोसी देश अपने नापाक मंसूबो को अंजाम देने के लिए ड्रोन की मदद से भारत की सीमाओं में आतंकी गतिविधियों और नशा तस्करी जैसी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। लिहाजा ड्रोन की समस्याओं से निपटना सीमा सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती भी होती है। किन्तु अब ये चुनौती सेना के लिए और भी ज्यादा आसान हो जाएगी जब संदिग्ध ड्रोन के खात्में के लिए सेना के जवान 'अर्जुन' जैसे प्रशिक्षित 'चील' का इस्तेमाल करेंगे।
सेना द्वारा प्रशीक्षित 'अर्जुन' चील की मदद से अब पाकिस्तान या चीन के ड्रोन्स को मार गिराने के लिए एंटी ड्रोन गन्स की जरुरत नहीं पड़ेगी. इन समस्याओं से निपटने के लिए चीलों का इस्तेमाल किए जायेगा जो क्षण भर में दुश्मनों के ड्रोन को मार गिराएंगे। अब चील ही सीमाओं की सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन हथियार का काम करेंगे। जल्द ही इन चीलों और डॉग्स की ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी। जिसके बाद इन्हें भारतीय सेना को सौंप दिया जाएगा। फिर इन चीलों और डॉग्स को सीमा के पास सैन्य पोस्ट पर तैनात किया जा सकता है। जहां से दुश्मन ड्रोन्स को देखते ही ये हमला कर देंगे और उन्हें मार गिराएंगे। चीलों की यह खासियत होती है कि यह बेहद ही ऊंचाई पर उड़ते हैं और इनकी निगाहें तेज होती हैं। दूर तक आसानी से देख सकते हैं। यानि दुश्मन चाहकर भी अपने ड्रोन को चील के हमले से बचा नहीं पाएगा। जब भी दुश्मन का ड्रोन भारतीय सीमा में घुसेगा चील उसे अपने नुकीले पंजों और ताकतवर पंखों से मार गिराएंगे।