अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित Karte Parwan गुरुद्वारा के बाहर एक महीने के भीतर दूसरी बार हमला हुआ है। आतंकियों द्वारा इस बार गुरुद्वारे के बाहर हमला कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई है। बता दें कि यह गुरुद्वारा पहले भी कई बार आतंकी हमलों का शिकार हो चुका है। हालांकि फिलहाल अभी तक इस बम धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह धमाका गुरुद्वारे के गेट से सटे एक दुकान के भीतर हुआ है। जिस दुकान में यह धमाका हुआ है वह दुकान सिख समुदाय के एक सदस्य की थी।
एक महीने के भीतर गुरुद्वारे पर दूसरा हमला
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह विस्फोट काबुल में गुरुद्वारा करते परवन के मुख्य द्वार के पास हुआ है। उन्होंने बताया कि इस धमाके में सिख या हिंदू समुदाय के किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि विस्फोट के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। पिछले एक महीने के भीतर इस गुरुद्वारे पर यह दूसरा हमला बताया जा रहा है।
सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों की संख्या में गिरावट
बता दें कि गुरुद्वारे के बाहर हुए विस्फोट से एक दिन पहले ही तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय कार्यालय के महानिदेशक मुल्ला अब्दुल वसी ने देश में सुरक्षा के हालात पर अल्पसंख्यकों को आश्वासन दिया था। उन्होंने हिंदू और सिख परिषद के सदस्यों के साथ एक बैठक में दावा किया था कि ''अफगानिस्तान में सुरक्षा बहाल कर दी गई है। वसी ने सिखों और हिंदुओं से अफगानिस्तान लौटने का आग्रह भी किया था''। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर अधिकार करने से पहले, अफगानिस्तान में सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 600 थी। परंतु अब ऐसा माना जाता है कि इस संख्या में काफी कमी आई है।
किसी संगठन ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
गुरुद्वारे पर हुए हमले की अभी तक किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। इससे पहले 18 जून को करते परवन गुरुद्वारा पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में तालिबान के सदस्यों सहित लगभग 50 लोगों की जान चली गई थी। जिसके एक दिन बाद, आईएसआईएस-खोरासन ने एक बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। आईएसआईएस ने बताया था कि हमले में उसका आतंकी अबू मोहम्मद अल ताजिकी शामिल था।