राजौरी आतंकी हमले के दौरान हिन्दुओं के रक्षक बने वीर बालकृष्ण ; आतंकियों को भागने पर किया मजबूर
03-जनवरी-2023
जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के अपर ढांगरी गांव में रविवार 31 दिसम्बर और नए साल के पहले दिन सोमवार को दो बड़े आतंकी हमले हुए। इन आतंकी हमलों में 6 हिंदुओं की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। ढांगरी गांव में रविवार शाम करीब 7 बजे 2 नकाबपोश आतंकियों ने 3 घरों में फायरिंग की थी, इस दौरान आतंकियों ने चुन चुन कर 4 हिन्दुओं की हत्या कर दी, जबकि 6 लोग गोली लगने के कारण जख्मी हो गए थे। मौत का ये मंजर शायद और अधिक भी देखने को मिलता अगर समय रहते इलाके का जाबांज बहादुर शख्स आतंकियों से ना भिड़ता।
दरअसल इलाके में जब दोनों आतंकी तीन घरों में घुसकर मौत का तांडव मचा रहे थे और जैसे ही चौथे घर में घुसने का प्रयास कर रहे थे तभी हाथों में हथियार लिए एक बहादुर शख्स बाहर आया और आतंकियों पर गोलियों की बरसात कर दी। गोलियों की बौछार देखते ही दोनों ही आतंकी भौचक्के हो गए और अपनी जान बचाने के लिए मजबूर हो गए। आतंकियों पर गोलियों की बरसात करने वाले उस बहादुर शख्स का नाम है बालकृष्ण।
भाजपा नेता विबूद गुप्ता ने दी जानकारी
बालकृष्ण की इस बहादुरी के बारे में जानकारी देते हुए भाजपा नेता व पूर्व MLC विबूद गुप्ता ने बताया कि अगर समय रहते बालकृष्ण आतंकियों पर फायरिंग ना करते तो शायद आज मंजर कुछ और होता। उन्होंने कहा कि आतंकी घरों में घुसकर आधार कार्ड देखकर हिन्दुओं को अपना निशाना बना रहे थे। आतंकी सबसे पहले प्रीतम के घर पर पहुंचे और उनसे उनका आधार कार्ड मांगा। आधार देखकर जब आतंकियों ने यह पुष्टि कर ली कि ये हिंदू हैं तो उन पर फायरिंग कर दी। इस हमले में दो भाई जख्मी हुए बाद में एक की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद आतंकी 200 मीटर दूर बने दूसरे घर में गए, यहां आतंकियों ने फायरिंग की, इसमें 2 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद आतंकियों ने तीसरे घर में फायरिंग की, इसमें 1 की मौत हो गई, जबकि 5 लोग जख्मी हो गए।
मृतकों का शव
आतंकी अभी चौथे घर की तरफ ही बढ़ ही रहे थे, तभी अचानक से बालकृष्ण हाथों में विलेज डिफेंस कमेटी (VDC) सदस्य की बंदूक लिए बाहर निकले और आतंकियों पर फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग होता देख आतंकी पूरी तरह से भौचक्के हो गए और दबे पाँव अपनी जान बचाकर भागने को मजबूर हो गए। भाजपा नेता विबूद गुप्ता ने बताया कि जब बालकृष्ण ने फायरिंग की तब आतंकियों को यह आभास हुआ कि यह फायरिंग भारतीय सेना की ओर से की जा रही है और वो भाग निकले। अगर बालकृष्ण ऐसा ना करते तो शायद मौत का ये आंकड़ा कहीं अधिक हो सकता था। बालकृष्ण ने जिस बहादुरी का परिचय दिया उससे कई निर्दोष लोगों की जान बचायी जा सकी।
भाजपा नेता विबूद गुप्ता ने बताया कि एक आदेश के बाद ढांगरी थाने में VDC सदस्यों के हथियार जमा करा लिए गए थे। कहा गया था कि जल्द ही उनके हथियार परिवार के सदस्यों को सौंप दिए जाएंगे। पर अभी ऐसा हुआ नहीं था किन्तु बालकृष्ण के पास हथियार मौजूद था जिसकी मदद से उन्होंने आतंकियों से सीधे तौर पर लोहा लिया और कई हिन्दुओं की जान बचा ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी अब इस घटना के बाद भरोसा दिलाया है कि ग्रामीण सुरक्षा समितियों को जल्द ही हथियार लौटाए जाएंगे। इसके अलावा उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को 10-10 लाख और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। घायलों को एक-एक लाख रुपये देने का भी एलान किया है।