आतंकवाद का सबसे बड़ा मसीहा हमारा पडोसी देश पाकिस्तान बीते कुछ वर्षों से खुद के ही पाले आतंकियों के निशाने पर है। यहाँ हर रोज़ आतंकी हमले को अंजाम देकर अपने हथियारों की टेस्टिंग कर रहे हैं। गत शुक्रवार पंजाब के खैबर पख्तुन्ख्वा प्रांत में आतंकियों ने एक पुलिस वैन को अपना निशाना बनाया। इस हमले में कुल 5 लोगों की मौत हो गई, वहीं 21 से ज्यादा घायल बताये गए। अभी इस हमले को कुछ घंटे हुए थे कि आतंकियों ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मियांवाली एयरबेस (Mianwali Pakistan Airforce airbase) पर शनिवार तड़के आतंकी हमले को अंजाम दे दिया। हथियारों से लैस 6 आत्मघाती हमलावर एयरफोर्स के ट्रेनिंग बेस में घुस गए और पाकिस्तानी सेना के 3 एयरक्राफ्ट को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा 1 फ्यूल टैंकर को भी तबाह कर दिया।
पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट 'जियो न्यूज' के मुताबिक, पाकिस्तानी एयरफोर्स (PAF) ने हमले को अंजाम देने वाले 6 आतंकियों में से 3 आतंकवादियों को मार गिराया है, जबकि बाकी 3 को गिरफ्तार भी कर लिया है। इस दौरान एयरबेस के पास गोलियों और धमाके की तेज आवाजें सुनाई दीं। हमले की वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर की गईं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मियांवाली एयरबेस पर हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी 'आतंकी संगठन तहरीक-ए- जिहाद पाकिस्तान' यानि (TJP) ने ली है। TJP के प्रवक्ता ने बाकायदा एक लेटर जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तानी सेना की ओर से इस बारे में जानकारी देते हुए कहा गया है कि आतंकी सीढ़ी के जरिए दीवार फांदकर एयरबेस में दाखिल हुए थे। PAF ने कहा- समय रहते हमारे सैनिकों ने एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया। एयरबेस के अंदर और आस पास के इलाकों में फाइनल ऑपरेशन चल रहा है।
पाकिस्तान में 24 घंटों में 3 आतंकी हमले
पाकिस्तान (Pakistan) पर 24 घंटे में 3 बड़े आतंकी हमले हुए हैं। इससे पहले शुक्रवार रात ग्वादर में सेना की 2 गाड़ियों पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 17 सैनिक मारे गए थे। हमले के वक्त सैनिक पसनी से ओरमारा की तरफ जा रहे थे। तभी घात लगाए बैठे आतंकियों ने पाकिस्तानी सेना के वाहन को अपना निशाना बनाया और हमला कर दिया। हमले के बाद से ही इलाके में आतंकियों की तलाश की जा रही है। लेकिन आतंकी इस हमले को अंजाम देने के बाद से नौ दो ग्यारह हो लिए। हालाँकि पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि शुक्रवार को ही खैबर पख्तूनख्वा के कई इलाकों में इंटेलिजेंस के आधार पर चलाए गए ऑपरेशन्स में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-e-Jihad Pakistan) (TTP) के आत्मघाती हमलावर सहित 2 आतंकवादी मारे गए। जबकि 2 घायल हो गए।
एयरबेस पर हमला करने वाले तहरीक-ए-जिहाद की जानकारी !
मियांवाली एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाला 'तहरीक-ए-जिहाद' एक आतंकी संगठन है। कुछ जानकार इसे एक रहस्यमयी संगठन कह रहे हैं। वजह ये है कि इसे लेकर बहुत ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। इसके हमलावर अज्ञात हमलावरों की तरह हमले को अंजाम देते हैं और फिर गायब। इसका पता लगाने में खुद पाकिस्तानी सेना भी नाकामयाब रही है। इससे पहले 'तहरीक-ए-जिहाद' चमन, बोलान, स्वात के क्षेत्र कबल और लकी मरूत में हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये संगठन कई हमलों में शामिल नहीं था फिर भी हमले की जिम्मेदारी ले ली। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक-ए-जिहाद को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से समर्थन मिलता है। TTP जिन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है, उसे तहरीक-ए-जिहाद के सिर डाल दिया जाता है।
पाकिस्तान में हुए अन्य बड़े आतंकी हमले
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान में 28 सितंबर को 2 जगहों पर 2 आत्मघाती हमले हुए थे। पहला आत्मघाती हमला बलूचिस्तान के मस्तुंग शहर में एक मस्जिद के पास हुआ था। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, इसमें एक DSP समेत 54 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हमले के वक्त लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के लिए इकट्ठा हो रहे थे। वहीं दूसरा धमाका खैबर पख्तूनख्वा के हंगू शहर की मस्जिद में हुआ था। ये भी फिदायीन हमला था। पाकिस्तानी मीडिया 'न्यूज इंटरनेशनल' के मुताबिक, यहां एक पुलिस अफसर समेत 4 लोगों की मौत हुई थी।
तालिबान के आने से पाकिस्तान की उड़ी नींद
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान में आंतकी संगठन TTP को मजबूती मिली है। हालाँकि उस दौरान एक धड़ा ऐसा भी था जो ये दावा किया करता था कि तालिबान के आने से पाकिस्तान को बेहद मदद मिलेगी। लेकिन हुआ उल्टा, तालिबान जब से सत्ता में आया इधर पाकिस्तान की नींद उड़ गई। आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान सबसे खतरनाक माना जाता है। इसी संगठन ने मलाला यूसुफजई पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसी ने पेशावर में सैनिक स्कूल पर हमला करके 114 बच्चों को मार दिया था। दरअसल, पाकिस्तानी तालिबान की जड़ें जमना उसी वक्त शुरू हो गई थीं, जब 2002 में अमेरिकी कार्रवाई के बाद अफगानिस्तान से भागकर कई आतंकी पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छुपे थे।
इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई तो स्वात घाटी में पाकिस्तानी आर्मी की मुखालफत होने लगी। कबाइली इलाकों में कई विद्रोही गुट पनपने लगे। ऐसे में दिसंबर 2007 को बेतुल्लाह महसूद की अगुआई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, लिहाजा संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया। शॉर्ट में इसे TTP या फिर पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है। यह अफगानिस्तान के तालिबान संगठन से अलग है, लेकिन इरादे करीब-करीब एक जैसे हैं। दोनों ही संगठन शरिया कानून लागू करना चाहते हैं।