5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 व 35A की बेड़ियों से आजाद कर दिया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को 2 अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश में बाँट दिया गया था। अब ये नया बिल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों को बढ़ाने का प्रावधान करेगा। इस विधेयक के कानून बनने के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 114 सीटें हो जाएंगी। यहाँ बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 से पहले 111 विधानसभा सीटें होती थीं। 24 सीटें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले हमारे जम्मू कश्मीर के लिए भी अरक्षित हैं, क्योंकि वो हमारा अभिन्न अंग है। हालाँकि वो हिस्सा 1947 के बाद से ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है लिहाजा वहां चुनाव नहीं कराए जा सकते। इस तरह कुल 87 सीटें होती थीं, लेकिन लद्दाख के अलग होने के बाद 83 सीटें ही बची थीं। बिल के कानून बनने के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटें बढ़कर 83 से 90 हो जाएंगी। परिसीमन के बाद जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 सीट बढ़ी हैं।
इसके अलावा इस बिल में कश्मीरी प्रवासियों के लिए 2 और POJK से विस्थापित नागरिकों के लिए 1 सीट आरक्षित होंगी। 2 कश्मीरी प्रवासियों में से 1 सीट महिला के लिए आरक्षित होगी। कश्मीरी प्रवासी और विस्थापित नागरिकों को उपराज्यपाल नामित करेंगे। बिल पास होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में आतंकी हिंसा के कारण अपने घर से बेघर हुए कश्मीरी हिंदुओं को भी आवाज मिल सकेगी। इससे वह जम्मू कश्मीर की विधानसभा में ही नहीं विधानसभा के बाहर भी सशक्त होंगे। बताया जा रहा है कि ये तीनों सीटें जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों से अलग होगी। इस हिसाब से जम्मू-कश्मीर में 93 सीटें हो जाएंगी। इसके साथ ही अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 16 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से SC के लिए 7 और ST के लिए 9 सीटें रखी गईं हैं।
#BIG "02 Assembly seats to be reserved for Kashmiri Migrants while 01 seat will be reserved for POJK displaced persons in Jammu Kashmir."
— Jammu-Kashmir Now (@JammuKashmirNow) December 6, 2023
MoHA Amit Shah replies in the Lok Sabha on J&K Reorganisation (Amendment) Bill 2023. pic.twitter.com/GtHEAavsVA
जम्मू संभाग के सांबा, कठुआ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर में 1-1 सीट बढ़ाई गई है। वहीं, कश्मीर संभाग में कुपवाड़ा जिले में 1 सीट बढ़ाई गई है। जम्मू संभाग के सांबा जिले में रामगढ़, कठुआ में जसरोता, राजौरी में थन्नामंडी, किश्तवाड़ में पड्डेर-नागसेनी, डोडा में डोडा पश्चिम और उधमपुर में रामनगर सीट नई जोड़ी गईं हैं। वहीं, कश्मीर संभाग के कुपवाड़ा जिले में ही 1 सीट बढ़ाई गई है। कुपवाड़ा में त्रेहगाम नई सीट होगी। यानि अब कुपवाड़ा में 5 की बजाय 6 सीटें होंगी
जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन (अमेंडमेंट) बिल, 2023 SC-ST और सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने का प्रावधान करता है। बिल के मुताबिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से उन्हें पिछड़ा माना जाएगा, जिनके गांव LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास हैं और सरकार ने उन्हें पिछड़ा घोषित कर रखा है। इस बिले के पास होने से जम्मू कश्मीर में शैक्षिक, सामाजिक रूप से पिछड़े और वंचितों के साथ हो रहा अन्याय भी दूर होगा, क्येांकि अब आरक्षण संशोधन विधेयक जम्मू कश्मीर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभ को सुनिश्चित करेगा। जम्मू कश्मीर में अन्य पिछड़ा वर्ग नहीं था बल्कि यहां OAC जिसे 'अदर सोशल कास्ट' कहा जाता है, का वर्ग है और उसमें गिनी-चुनी जातियां शामिल हैं। इससे पिछड़ों के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं पूरी तरह से लागू नहीं हो पाती थीं। अब 'अदर सोशल कास्ट' के स्थान पर 'ओबीसी' हो जाएगा। इसके अलावा गुज्जर-बक्करवाल समुदाय की तरह पहाड़ी वर्ग को भी आरक्षण मिलेगा। विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के सदस्यों को नौकरियों और व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण का प्रावधान है।