तस्वीर साभार : बासित जरगर
29 अक्टूबर 2023, जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर में आतंकी हमले में घायल हुए पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी ने 39 दिनों तक जिंदगी से जंग लड़ते हुए आखिरकार, गत गुरुवार को नई दिल्ली के AIIMS में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शुक्रवार तड़के बलिदानी मसरूर अहमद वानी का पार्थिव शरीर नई दिल्ली से श्रीनगर में जिला पुलिस लाइन लाया गया। यहाँ जम्मू कश्मीर पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मसरूर अहमद वानी को अंतिम बार 'गार्ड आफ आनर' के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद मसरूर अहमद वानी के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव नारवरा ले जाया गया। पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गाँव पहुंचा हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई। आखिरी दर्शन के लिए परिवार के सदस्यों के साथ हजारों लोग मौजूद थे। अंतिम दर्शन और श्रद्धांजली अर्पित किए जाने के बाद बलिदानी मसरूर अहमद वानी के पार्थिव शरीर को जुलूस की सूरत में उनके पैतृक कब्रिस्तान पहुंचाया गया और नम आंखों के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया। बलिदानी इंस्पेक्टर मसरूर के घर पर उनके वृद्ध माता-पिता, एक बहन, एक भाई और गर्भवती पत्नी है। मसरूर के निधन से उनका पूरा परिवार टूट चुका है।
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कैसे और कब हुआ हमला ?
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को आतंकियों ने मसरूर अहमद वानी पर उस वक्त हमले को अंजाम दिया जब वो श्रीनगर के ईदगाह में अपने दोस्तों संग क्रिकेट खेल रहे थे। श्रीनगर के नारवारा के रहने वाले इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी पर आतंकियों ने बेहद नजदीक से गोलियां दागी थी। उनके सिर, चेहरे और पेट में 4 गोलियां लगी थी। इंस्पेक्टर मसरुर अली पर हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा का हिट स्क्वाड कहे जाने वाले आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। दावा किया जाता है कि हमले के समय TRF का ऑप्रेशनल कमांडर 'बासित डार' ईदगाह में ही मौजूद था। हमले के तुरंत बाद शुरूआती उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया, फिर उन्हें नई दिल्ली AIIMS लाया गया। यहाँ 39 दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ते हुए वो गत गुरुवार को बलिदान हो गए। बलिदान की खबर सुनते ही उनके घर में मातम पसर गया।
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उपराज्यपाल ने व्यक्त की संवेदनाएं
वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बलिदानी इंस्पेक्टर मसरूर अहमद की मौत पर दुःख प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि ''भारत माता के इस वीर सपूत को खोने के दर्द को व्यक्त करने के लिए मेरे पास पर्याप्त शब्द नहीं है। मैं उनके साहस और बलिदान को सलाम करता हूं। दुख की इस कठिन घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ''मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम आतंकी खतरे को कुचलने और आतंकियों को समर्थन और बढ़ावा देने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए संकल्पबद्ध हैं।''
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ADGP का बड़ा बयान
जम्मू कश्मीर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) (ADGP Vijay Kumar) विजय कुमार ने इस घटना पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की। श्रीनगर में बलिदानी इंस्पेक्टर मसरूर अहमद के पुष्पांजलि समारोह के मौके पर पहुंचे ADGP विजय कुमार ने पूरे मामले में जानकारी देते हुए कहा कि ''यह पूरा मामला एनआईए को सौंप दिया गया है। NIA और जम्मू कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से इस पूरे मामले की जांच करेगी। कुमार ने कहा कि पुलिस को मामले में कुछ सुराग मिले हैं, लेकिन इसके बारे में कोई भी जानकारी साँझा नहीं की जा सकती। फिलहाल अभी जांच जारी है।'' उन्होंने कहा कि इसमें शामिल लोगों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। ADGP कानून एवं व्यवस्था विजय कुमार ने कहा कि पुलिस के पास 29 अक्तूबर को आतंकवादियों द्वारा संभावित हमले के बारे में इनपुट थे। लेकिन कई बार गलतियां हो जाती हैं। इनपुट पर उचित कार्रवाई नहीं कर पाने के कारण हमने अपने एक होनहार और बहादुर अधिकारी को खो दिया। ADGP विजय कुमार ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना जनता की बुनियादी जरूरत और अधिकार है और जो व्यक्ति, अलगाववादी, उपद्रवी या आतंकवादी इसे बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।