अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी ने बुधवार को दावा किया कि स्पाई बैलून के जरिए चीन दुनियाभर के देशों की मिलिट्री साइट्स पर नजर रख रहा है। पिछले कई साल से चीन ऐसा कर रहा है और वह अब तक 5 महाद्वीप के 12 देशों में इसी तरह के बैलून भेजकर खुफिया जानकारी जुटा चुका है। अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि चीन ने स्पाई बैलून भेजकर भारत की जासूसी भी की है। इसके अलावा वह जापान, ताइवान और फिलिपींस के एयरस्पेस में भी घुसपैठ कर चुका है। अमेरिका ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है। अमेरिका ने अपने रिपोर्ट में साफ़ किया कि पिछले दिनों अमेरिका में मार गिराया गया चीनी बैलून दरअसल उसके जासूसी कार्यक्रम का हिस्सा है।
स्टेट डिपार्टमेंट जल्द शुरू करने जा रहा कैंपेन
अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि चीन ज्यादातर उन देशों में स्पाई बैलून भेज रहा है जिससे उसका ज्यादातर तनाव चल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस हफ्ते चीन की कई जगहों से स्पाई बैलून प्रोग्राम ऑपरेट किया गया। पिछले कई सालों में चीन के जासूसी बैलून लैटिन अमेरिका, साउथ अमेरिका, साउथ ईस्ट एशिया, ईस्ट एशिया और यूरोप में भी देखे गए हैं।
आपको बता दें कि दुनिया भर में बढ़ रही चीन की जासूसी के चलते अमेरिका ने एक बड़ा फैसला लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अब वहां का स्टेट डिपार्टमेंट जल्द ही एक कैंपेन शुरू करने जा रहा है। इसके तहत अमेरिका के विदेशों में बैठे अधिकारी उन देशों को चीन की जासूसी को लेकर जानकारियां देंगे। यहाँ तक भारत भी इन देशों में शामिल होगा। ये अधिकारी चीन की जासूसी के सारे राज खोलेंगे ताकि ये देश आने वाले समय में सावधानी बरत सकें।
जासूसी बैलून पर रिसर्च कर रहा चीन - रिपोर्ट
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की 'डिफेंस टेक्नोलोजी' की नेशनल यूनिवर्सिटी के पास एक पूरी टीम है जो जासूसी बैलून पर वर्षों से स्टडी कर रही है। वहीं साल 2020 में चीनी सेना के अखबार पीपल्स लिबरेशन आर्मी डेली ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था। इसमें नियर स्पेस यानि धरती से 118 किलो मीटर के ऊपर वाले इलाके को मॉडर्न वॉरफेयर का नया जंगी मैदान बताया था। चीनी अखबार ने साल 2021 में स्पाई बैलून को आसमान की ताकतवर आंखें बताया था। जिससे सरफेस टारगेट कवर किए जा सकते हैं। साथ ही यह भी दावा किया था कि आसमान में स्पाई बैलून गहरे समुद्र में सब्मरीन की तरह काम करते हैं।
अमेरिकन इंटेलिजेंस एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी जॉन के कुल्वर ने बताया कि स्पाई बैलून चीन में जासूसी करने वाले सैटेलाइट्स की कमी को पूरा कर रहे हैं। ये बैलून किसी देश में वायुमंडल की स्थिति और आउटर स्पेस से मिलने वाली जानकारियां आसानी इकट्ठा कर सकता है। जो चीन की मिसाइल फोर्सेस के लिए काफी अहम है। इसके जरिए जंग के दौरान सटीक टारगेट सेट किए जा सकते हैं।