कारगिल के नायक लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी की कहानी ; जिनके कुशल नेतृत्व में प्वॉइंट 5140 और प्वॉइंट 4158 दुश्मनों से हुआ मुक्त
    20-जून-2023
 
Colnel YK joshi kargil story
 
 
परिचय
 
 
लेफ्टिनेंट कर्नल योगेश कुमार जोशी का जन्म 05 जनवरी 1962 को फरीदाबाद, हरियाणा में हुआ था। उनके पिता श्री रामपाल जोशी रेलवे के लेखा विभाग में कार्यरत थे। लेफ्टिनेंट कर्नल जोशी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा विभिन्न स्थानों से की और केंद्रीय विद्यालय फरीदाबाद से माध्यमिक विद्यालय पूरा किया। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, (NDA) खडकवासला में शामिल हो गए। अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, उन्हें 12 जून 1982 को 13 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किया गया।
 
1999 में जब पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध के दौरान सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण तोलोलिंग की चोटी पर अपना कब्जा कर लिया था, उस वक्त भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी दुश्मनों से वह क्षेत्र खाली कराना। क्योंकि अधिक ऊंचाई पर होने की वजह से दुश्मन ऊपर से लगातार गोलियां बरसा रहे थे, तो वहीं भारतीय जवानों को दुर्गम रास्तों से होते हुए ऊपर की चढ़ाई चढ़ने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता था। ऐसे में तोलोलिंग की चोटी पर अपना कब्जा जमाना भारतीय सेना का पहला लक्ष्य था।
 

kargil tololing 
 
 
 
ऑपरेशन तोलोलिंग 
 
 
हालाँकि जून माह के मध्य से पहले-पहले तोलोलिंग की कुछ महत्वपूर्ण प्वॉइंट को दुश्मनों से मुक्त कराया जा चुका था। लेकिन अब बारी थी द्रास सेक्टर की तोलोलिंग पहाड़ी पर स्थित प्वॉइंट 5140 और प्वॉइंट 4158 को पाकिस्तानी सैनिकों से मुक्त कराने की। दुश्मन इस पोजीशन पर मजबूती से डंटे थे लिहाजा इस मिशन को पूरा कर पाना इतना आसान भी नहीं था। ऐसे में करगिल युद्ध के हीरो और 'ब्रेवेस्ट ऑफ द ब्रेव' सम्मान से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी को द्रास सेक्टर में प्वॉइंट 5140 और प्वॉइंट 4158 को पाकिस्तानी सेना से मुक्त कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। हमला 15 जून को शुरू हुआ था। हमले से पहले दुश्मनों की ओर से भारी गोलाबारी की गई, जिसमें कमांडिंग ऑफिसर के घायल होने के कारण उन्हें चिकित्सा कारणों से हटना पड़ा। लिहाजा सेकेंड-इन-कमांड मेजर योगेश कुमार जोशी को कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया और लड़ाई के बीच में बटालियन की बागडोर सौंपी गई।
 
 
YK Joshi bikram batra
 
 
प्वॉइंट 5140 और प्वॉइंट 4158
 
 
पाकिस्तानी सैनिकों से द्रास सेक्टर की प्वॉइंट 5140 और 4128 को मुक्त कराना बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण था। कर्नल जोशी ने अपने सैनिकों का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें लगातार आगे बढ़ते रहने के लिए उनका नेतृत्व किया। हमले का आदेश देने से पूर्व कर्नल जोशी ने स्वयं सभी पोजीशन का टोह लिया और फिर आगे रहकर अपनी बटालियन का कुशल नेतृत्व किया। दुश्मनों के पोजीशन का पूरी तरह से आंकलन करने के बाद कर्नल जोशी ने एक बेहतरीन रणनीति के तहत अपनी बटालियन को इस मिशन के लिए रवाना किया। इस ऑपरेशन में कारगिल युद्ध के शेरशाह कैप्टन विक्रम बत्रा भी शामिल थे। कारगिल में उनके कमांडिग ऑफ़िसर कर्नल योगेश जोशी ने उन्हें और लेफ़्टिनेंट संजीव जामवाल को 5140 चौकी फ़तह करने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी।
 
 
5140 को मुक्त कराने की लड़ाई में नायक देव प्रकाश, राइफलमैन मेहर सिंह और कैप्टन संजीव सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नायक देव प्रकाश जहाँ 13 जम्मू कश्मीर रायफल्स में सेक्शन कमांडर के पोस्ट पर तैनात थे। वहीं राइफलमैन मेहर सिंह को पॉइंट 5140 को मुक्त कराने वाली टुकड़ी को कवर फायर देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। नायक देव प्रकाश को द्रास सेक्टर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पॉइंट 5140 पर हमला करने का काम सौंपा गया था। कमांडिंग अफसर से मिले आदेश के बाद उन्होंने बिना समय गंवाते अपनी टुकड़ी को एकत्रित कर दुश्मन की चौकी के तरफ बढे। दुश्मनों से आमने-सामने की लड़ाई में उन्होंने वीरता का परिचय देते हुए 2 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया गया। जिससे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पॉइंट 5140 को फिर से मुक्त कराने में सफलता मिली।
 
 

Battle of  Tololing 
 
 
कर्नल जोशी के कुशल नेतृत्व में उनकी बटालियन ने उत्तम युद्ध कौशल का परिचय देते हुए आखिरकार 20 जून 1999 सुबह साढ़े 3 बजे तक अपने मिशन को पूरा कर लिया था। पाकिस्तानी सैनिकों से प्वॉइंट 5140 को पूरी तरह से मुक्त करा लिया था। कर्नल जोशी को लेफ़्टिनेंट जामवाल से वो संदेश सुनाई दिया, 'ओ ये ये ये', जिससे पता चला कि जामवाल वहाँ पहुंच गए थे और अपने मिशन में कामयाब हो गए थे। थोड़ी देर बाद 4 बजकर 35 मिनट पर विक्रम बत्रा का भी सफलता कोड आ गया, 'ये दिल मांगे मोर'। ऑपरेशन विजय में कर्नल की जोशी की टीम ने 6 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। योगेश जोशी ने युद्ध के दौरान टाइगर हिल को कब्जा करने वाली टीम के कमांडिंग ऑफिसर की भी भूमिका निभाई थी। उस दौरान वह 13वीं जम्मू-कश्मीर राइफल का हिस्सा थे।
 
 

YK joshi tololing point 5140

 
 
कर्नल की बटालियन को  2 परमवीर चक्र, 8 वीर चक्र और 14 सेना मेडल
 
 
कारगिल की जंग के दौरान ले. जनरल जोशी की बटालियन ने 2 परमवीर चक्र, 8 वीर चक्र और 14 सेना मेडल अपने नाम किया था। इनमें से उत्तम युद्ध कौशल और युद्ध के दौरान कौशल नेतृत्व के लिए लेफ़्टिनेंट कर्नल योगेश कुमार जोशी को 'वीर चक्र' से सम्मानित किया गया था। फ़िलहाल कर्नल योगेश कुमार जोशी भारतीय सेना में सेवारत जनरल ऑफिसर हैं। 1 फरवरी 2020 को, उन्हें जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) के रूप में नियुक्त किया गया। इससे पहले वह लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के कमांडर थे। 31 जनवरी 2022 को, लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी एक शानदार कैरियर के बाद भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। कर्नल जोशी के कुशल नेतृत्व के कारण कारगिल युद्ध में तोलोलिंग की महत्वपूर्ण पॉइंट 5140 और 4128 को मुक्त कराया जा सका।