अब्दुल्ला के शपथ समारोह में राष्ट्रगान का अपमान! : NC विधायक हिलाल अकबर लोन पर जांच के आदेश

    17-अक्तूबर-2024
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HIlal akabar lone
 
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस (NC) के विधायक हिलाल अकबर लोन, जो सोनावारी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। गत बुधवार को श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जब राष्ट्रगान बज रहा था, तो लोन अपने सीट से खड़े नहीं हुए।

राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े न होने की वजह से हिलाल लोन पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा है। यह मामला जब प्रशासन के संज्ञान में आया, तो तुरंत जांच के आदेश दिए गए। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सोशल मीडिया पर भी इसकी कड़ी आलोचना हो रही है।

 
हिलाल लोन की सफाई:
 

वहीं, हिलाल अकबर लोन ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए वे राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं हो पाए। लोन का कहना है कि उनका उद्देश्य राष्ट्रगान का अपमान करना नहीं था, बल्कि शारीरिक अस्वस्थता के कारण वे खड़े नहीं हो सके। हालाँकि एक सवाल यह भी है कि अगर लोन की इस सफाई में इतनी ही सच्चाई है तो शपथ समारोह समाप्त होने के बाद वे बाहर खड़े होकर मीडिया को बयान देते कैसे नजर आए। क्या उनकी तबियत सिर्फ राष्ट्रगान के दौरान ही ख़राब थी बाकी अपनी पार्टी NC का पक्ष रखने के लिए वे स्वस्थ हो गए ?

 
 
 
 
अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद सख्ती
 

गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 से पहले, जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था, ऐसी घटनाएं आम थीं। उस समय अक्सर राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होता था, और अलगाववादी ताकतों के प्रभाव के कारण ऐसी घटनाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती थी। लेकिन अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद, जम्मू-कश्मीर में अब राष्ट्र और राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाता। ऐसा करने वालों को कड़ी सजा दी जाती है।   

 
J&K में नहीं होगा अब भारत का अपमान
 
 
NC विधायक हिलाल लोन की इस हरकत पर तुरंत जांच के आदेश देना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नए जम्मू-कश्मीर में ऐसी गतिविधियां अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। अनुच्छेद 370 की समाप्ति ने J&K में हालात पूरी तरह से बदल दिए हैं। यह अनुच्छेद 370 के हटने का प्रभाव है कि प्रशासन ने इस मामले में तेजी से कदम उठाए हैं। अब देखना होगा कि जांच के नतीजे क्या आते हैं और हिलाल लोन के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इस कदम के बाद खासकर जम्मू कश्मीर में देशविरोधी सोच रखने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि अब जम्मू कश्मीर में किसी भी कीमत पर भारत का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत में रहकर भारत विरोधी मानसिकता रखने वालों को अब सावधान होने की आवश्यकता है।
 
 
 
 
 370 की समाप्ति को उमर अब्दुल्ला ने भी किया स्वीकार
 
 
उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सिर्फ यही एक घटना घटित नहीं हुई। बल्कि एक और बेहद रोचक घटना घटित हुई जो सुर्ख़ियों में छाई रही। दरअसल जो उमर अब्दुल्ला वर्ष 2009 में बतौर मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के संविधान की शपथ ग्रहण करते थे, आज वही उमर अब्दुल्ला भारत के संविधान के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखने की कसम खाते नजर आए। दरअसल यह असर है अनुच्छेद 370 की समाप्ति का। जिस 370 की आड़ में इन राजनीतिक दलों ने दो निशान, दो विधान और दो संविधान को सर्वोपरि रखा आज उसी 370 के खात्में ने इन दलों और इन राजनेताओं को भारतीय संविधान में निष्ठा दिखाने को मजबूर कर दिया। 370 की समाप्ति ने एक बार फिर यह साफ़ कर दिया कि भारत में सिर्फ एक निशान, एक विधान और एक प्रधान ही सर्वोपरि होगा। भारत में रहने वाले प्रति व्यक्ति को भारतीय संविधान के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करनी होगी।