जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सुरक्षाबलों ने कुलगाम जिले के कद्देर इलाके में सेना और पुलिस द्वारा एक जॉइंट ऑपरेशन में 5 आतंकियों को ढेर कर दिया है। इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने हिजबुल कमांडर फारूक नाली को भी मौत के घाट उतार दिया है। मुठभेड़ के बाद इलाके में गहन तलाशी अभियान जारी है और आतंकियों के शवों की भी पहचान की जा रही है। हिजबुल कमांडर फारूक नाली पर 10 लाख का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ में दो जवान भी घायल
इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि गुरुवार सुबह सेना और पुलिस को इलाके में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा इलाके में जॉइंट सर्च ऑपरेशन चलाया गया। तलाशी के दौरान आतंकियों ने खुद को सुरक्षाबलों से घिरता देख गोलीबारी शुरू कर दी। लिहाजा सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस जवाबी कार्रवाई में 5 आतंकी ढेर हो गए। हालाँकि इस दौरान सेना के 2 जवान भी गोली लगने के कारण घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दिसम्बर माह में मुठभेड़ की पहली घटना
दिसंबर माह में जम्मू-कश्मीर में सेना और आतंकियों के बीच एनकाउंटर की यह पहली घटना है। इससे पहले पिछले महीने नवंबर में शुरूआती 10 दिनों में 9 एनकाउंटर हुए थे। जिसमें 8 आतंकी ढेर हो गए थे। 2 नवम्बर को अनंतनाग में हुए मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए थे। इसके अलावा 2 नवम्बर को ही अन्य मुठभेड़ में श्रीनगर स्थित खानयार में 1 आतंकी मारा गया था। इसके अतिरिक्त 5 नवम्बर को बांदीपोरा में 1, 6 नम्बर को कुपवाड़ा में 1 आतंकी, 8 नवम्बर को बारामूला, सोपोर में 2 आतंकी और 9 नवम्बर सोपोर में 1 आतंकी को सुरक्षाबलों ने ढेर किया। हालाँकि दिसंबर माह में मुठभेड़ की यह पहली घटना है जिसमें कुल 5 आतंकी मारे गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर बैठक !
इस बीच, जानकारी मिल रही है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली में मीटिंग कर सकते हैं। सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद यह पहली बैठक होगी। इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर प्रशासन, खुफिया एजेंसियों और गृह मंत्रालय के सीनियर अफसर शामिल होंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू रीजन में सेना ने 20 साल पहले पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के जिस लोकल नेटवर्क को सख्ती से निष्क्रिय कर दिया था, वो एक बार फिर एक्टिव हो गया है। पहले ये लोग आतंकियों का सामान ढोने का काम करते थे, अब उन्हें गांवों में ही हथियार, गोला बारूद और खाना-पीना दे रहे हैं। बीते दिनों जिन 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, उन्होंने पूछताछ में इसके सुराग दिए हैं। यह नेटवर्क जम्मू के 10 में से नौ जिलों राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, जम्मू और रामबन में जम चुका है। सुरक्षाबलों द्वारा ना सिर्फ आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुँचाने का काम किया जा रहा है बल्कि आतंकियों को मदद पहुँचाने वालों से भी सख्ती से निपटा जा रहा है।