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आतंक का सबसे बड़ा सिरमौर कहे जाने वाला हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान आय दिन अपनी नापाक हरकतों के कारण देश-विदेश की सुर्ख़ियों में बना रहता है। कभी भुखमरी से बाहर निकलने के लिए गधे के एक्सपोर्ट को लेकर, तो कभी खाद्य समग्री के लिए आपस में लड़ने भिड़ने को लेकर या फिर राजनीतिक अस्थिरिता के कारण। आतंकवाद और गधे के एक्सपोर्ट के अलावा पाकिस्तान इन दिनों एक और चीज को तेजी से एक्सपोर्ट करने में लगा है और वो है भिखारी...... लेकिन पाकिस्तान के ये भिखारी गल्फ कंट्री के लिए सिर का दर्द बनते जा रहे हैं।
सऊदी के लिए सिरदर्द बनें पाकिस्तानी भिखारी
दरअसल पाकिस्तान के भिखारी अब एक गंभीर समस्या बनते जा रहे हैं, खासकर सऊदी अरब में। खाड़ी देशों, विशेष रूप से सऊदी अरब में पाकिस्तान के भिखारियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है। सऊदी अरब ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने भिखारी भेजना बंद नहीं किया, तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान की सरकार ने इस चेतावनी के बाद तत्काल कदम उठाते हुए अपने 4300 भिखारियों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डाल दिया है। इसका मतलब यह है कि अब ये लोग हज या उमराह के बहाने विदेश नहीं जा सकेंगे।
हज के बहाने सऊदी पहुँचते है फिर करते हैं पॉकेटमारी
18 दिसंबर को पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्टर, मोहसिन रज़ा नक़वी ने सऊदी अरब के डिप्टी इंटीरियर मिनिस्टर नासिर बिन अब्दुलअज़ीज़ अल दाऊद को सूचित किया कि पाकिस्तान ने भिखारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने भिखारी भेजने वाली माफिया सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। सऊदी अरब में पाकिस्तान के भिखारी कोई नई बात नहीं है। मक्का, मदीना और जेद्दाह में यह आम हो चुका है। पाकिस्तान की खराब आर्थिक स्थिति के कारण वहां के लोग हज या उमराह के बहाने सऊदी अरब पहुंचकर भीख मांगने का काम करते हैं।
90 प्रतिशत पॉकेटमार पाकिस्तानी
रिपोर्ट्स के अनुसार, मक्का की मस्जिद से पकड़े गए 90 प्रतिशत पॉकेटमार पाकिस्तान से होते हैं। यानि पाकिस्तान सिर्फ अपने पड़ोसी देशों में आतंकवाद और गधे ही एक्सपोर्ट नहीं करता बल्कि बड़ी संख्या में भिखारियों के भेष में जेब कतरों को भी एक्सपोर्ट करता है। बहरहाल जानकारी के लिए बता दें कि सऊदी अरब में भीख मांगना अपराध है और इसके लिए सजा के रूप में 6 महीने की जेल या 50 हजार रियाल का जुर्माना हो सकता है। इस वजह से सऊदी अरब की जेलों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भिखारी बंद हैं। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान ने इस समस्या पर नियंत्रण नहीं पाया, तो इसका असर वहां हज और उमराह के लिए आने वाले पाकिस्तानी यात्रियों पर पड़ेगा। पाकिस्तान ने इस चेतावनी के बाद अपने भिखारियों पर नकेल कसने का फैसला किया है और इस मामले में सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।