वर्ष 2021 में भारतीय सेना के पहले 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' (CDS) जनरल बिपिन रावत एक दुखद हेलीकॉप्टर हादसे में वीरगति को प्राप्त हुए थे। यह हादसा तमिलनाडु के कुन्नूर के पास पहाड़ी क्षेत्र में हुआ था, जिसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 12 लोगों की मृत्यु हुई थी। लिहाजा अब इस हादसे के करीब 3 साल बाद हादसे से जुड़ी एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह पुष्टि की गई है कि यह दुर्घटना पायलट की गलती यानि 'Human Error' के कारण हुई थी।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है ?
संसदीय रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट लोकसभा में पेश की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना "ह्यूमन एरर यानि (एयरक्रू)" की गलती के कारण हुई थी। यानि पायलट की गलती ने इस हादसे को अंजाम दिया। संसदीय समिति ने 2017 से 2022 तक हुए कुल 34 भारतीय वायु सेना (IAF) के हादसों की जांच की। इनमें से 9 हादसे 2021-22 के दौरान हुए थे।
शुरुआती रिपोर्ट में खुलासा-
हालाँकि हादसे के बाद हुए जांच में जांच दल ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में यह बताया था कि उड़ान भरने के बाद अचानक से मौसम में हुए बदलाव के कारण हेलीकॉप्टर बादलों में चला गया, जिसके परिणामस्वरूप पायलट को दिशा का सही अंदाजा नहीं हो पाया। इससे "कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन" (CFIT) हुआ, यानी पायलट को यह एहसास नहीं हुआ कि हेलीकॉप्टर जमीन से टकराने वाला है। जांच दल ने फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया और गवाहों से पूछताछ के बाद दुर्घटना का सबसे संभावित कारण पायलट की गलती को ही पाया।
कैसे और कब हुआ हादसा ?
जानकारी के लिए बता दें कि 8 दिसंबर 2021 को जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 12 अन्य सशस्त्र बल के कर्मी तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सुलूर एयरफोर्स बेस से वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। वे Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर में सवार थे। हेलीकॉप्टर लैंडिंग के कुछ मिनट पहले ही पहाड़ियों से टकरा गया। इस दुर्घटना में CDS जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, शौर्य चक्र विजेता, अकेले जीवित बचे थे, लेकिन एक हफ्ते बाद वे भी इलाज के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए। यह हादसा भारतीय सेना और देश के लिए एक बड़ी क्षति साबित हुआ, और इस रिपोर्ट के जरिए हादसे के कारणों पर और स्पष्टता मिली है।