उमर अब्दुल्ला ने भी माना PM मोदी का लोहा ; लोकसभा चुनाव से पहले NDA को लेकर की भविष्यवाणी

    09-फ़रवरी-2024
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Umar Abudulla NDA 400 
 
आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में अब महज कुछ ही दिन शेष हैं। चुनाव को लेकर अब लगभग सभी पार्टियाँ अपने अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गई हैं। एक तरफ जहाँ कांग्रेस देश की सत्ता में तेजी से डूबती अपनी नाव बचाने के प्रयास में जुटी है। वहीं दूसरी तरफ  PM मोदी के नेतृत्व में BJP लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर बिलकुल आश्वस्त है। इस बार के चुनाव में कुछ बेहतर होने की तलाश में राहुल गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर देश भ्रमण कर रही है। साथ ही 2024 लोकसभा चुनाव में BJP को शिकस्त देने के लिए INDI गठबंधन भी बनाया है। हालाँकि चुनाव से पहले ही INDI गठबंधन पूरी तरह से तबाह होता नजर आ रहा है। बिहार में नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में आम आदमी पार्टी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में RLD  जैसे प्रमुख सहयोगी दलों ने INDI गठबंधन से अपना किनारा कर लिया है।
 
 
उमर अब्दुल्ला ने माना PM मोदी का लोहा 
 
 
चुनाव से पहले तेजी से कमजोर होती INDI गठबंधन को देख उनके बचे हुए नेता भी पूरी तरह से हताश और निराश दिख रहे हैं।  इसी कड़ी में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे उमर अबदुल्ला ने भी INDI गठबंधन और NDA पर बड़ा और चौकाने वाला बयान दिया है। दरअसल न्यूज़18 को दिए एक इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने माना कि INDI गठबंधन चुनाव से पहले ही बेहद कमजोर स्थिति में है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ' PM मोदी के नेतृत्व में NDA इस बार 2024 लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीत सकती है। इस बात में संदेह नहीं किया जा सकता।' ये सवाल पूछने पर कि आखिरकार इसके पीछे की मुख्य वजह वे क्या मानते हैं, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इसके पीछे का कारण विपक्षी एकजुटता यानि 'INDI गठबंधन' का कमजोर होना है। 
 
 
INDI गठबंधन पर दी प्रतिक्रिया 
 
 
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्ष भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने में नाकाम हुआ है। इसके कारण हमारा गठबंधन बेहद कमजोर हुआ है। लिहाजा ऐसे हालात में NDA का 400 का आंकड़ा छूना काफी हद तक संभव लगता है। बीते एक से दो माह के भीतर जिस प्रकार से INDI गठबंधन में फुट पड़ी है उसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 'आज से एक दो महीने पहले तक यह लक्ष्य हासिल होता नजर नहीं आ रहा था, लेकिन अब जिस तरह से अचानक INDI गठबंधन कमजोर हुआ है उससे यक़ीनन भाजपा को यह लक्ष्य हासिल करने में मुश्किल नहीं होगी।