जम्मू कश्मीर में आतंकविरोधी अभियानों में अब महिला पुलिस कांस्टेबल भी अपनी भूमिका निभा सकेंगी। आतंकियों को मिटटी में मिलाने के लिए अब महिला कांस्टेबल सुरक्षाबलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अब आतंक वोरोधी अभियानों में शामिल होंगी। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा महिला पुलिस बटालियन की मंजूरी मिलने के बाद अब 915 महिला पुलिस कांस्टेबल जम्मू कश्मीर पुलिस में शामिल हुई हैं। इस महत्वपूर्ण कदम के बाद ना सिर्फ जम्मू कश्मीर पुलिस में महिलाओं की संख्या में इजाफा होगा बल्कि जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने की दिशा में वे अपना योगदान दे सकेंगी।
दरअसल विभिन्न स्तरों पर महिला पुलिसकर्मियों की कमी को लेकर प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय गृहमंत्रालय के समक्ष महिला पुलिस बटालियन के गठन को लेकर मुद्दा उठाया था। इसके बाद प्रदेश में 2019 में तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में इस पर मुहर लगी। इसके बाद आवेदन, भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जम्मू कश्मीर पुलिस विभाग को 915 महिला कांस्टेबल मिल गई हैं। इन सभी महिला पुलिस कांस्टेबल की तैनाती महिला बटालियन एक और दो में की गई है।
महिला बटालियन एक में 550 महिला कांस्टेबल हैं, जिनकी तैनाती जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों में की जाएगी। इसके अतिरिक्त महिला बटालियन दो में 365 महिला कांस्टेबल हैं, जिनकी तैनाती कश्मीर संभाग के विभिन्न जिलों में की जाएगी। पासिंग आउट परेड के बाद इन महिला कांस्टेबल को अपने-अपने जोन में रिपोर्ट करना होगा। इसके साथ ही संबंधित जोन प्रमुख को इनकी तैनाती जोन में जरूरत के आधार पर करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि जून 2018 में गृह मंत्रालय ने 2 महिला बटालियन की स्थापना के लिए कुछ शर्तों के अधीन स्वीकृति प्रदान की थी। इसमें जम्मू कश्मीर क्षेत्रों के लिए एक-एक बटालियन शामिल थी। महिला बटालियन के गठन में 235.86 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। इसमें से 105.11 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 129.94 करोड़ रुपये राज्य का हिस्सा होगा।