पाकिस्तानी सीनेटर दानिश कुमार का फूटा गुस्सा ; पाकिस्तान में हिन्दू बच्चियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण का उठाया मुद्दा

    01-मई-2024
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Pakistan Minorities condition
 
पाकिस्तान आतंकवाद परस्त होने, अल्पसंख्यकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने जैसी अनेक घटनाओं के लिए विश्वभर में बदनाम है। यहां पर हिंदुओं और सिखों के साथ होने वाले अत्याचार आम बात हैं। कट्टरपंथी यहां पर हिन्दू महिलाओं और युवतियों का अपहरण और धर्मांतरण कराने की घटनाओं को लगातार अंजाम देते हैं। पाकिस्तान में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यक हर दिन नई मुसीबतों का सामना करते हैं। नाबालिग हिंदू लड़कियों का अपहरण और उनकी जबरन शादी और धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते रहे हैं। हर साल ऐसे करीब 1 हजार मामले दर्ज किए जाते हैं। न मामलों की बढ़ती तादाद ने वहां की हिंदू आबादी को परेशान कर दिया है। इस तरह की घटनाएँ सबसे अधिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सामने आती है।
 
 
इन्हीं घटनाओं को लेकर पाकिस्तानी हिंदू सीनेटर दानिश कुमार ने हिन्दुओं के साथ हो रहे धर्मांतरण का मुद्दा नेशनल असेम्बली में उठाया है। दानिश कुमार ने पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की पोल खोलते हुए यह बात बेहद प्रमुखता से रखी कि पाकिस्तान में अल्पसंखयकों के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव होता है। दानिश कुमार ने इसे लेकर पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सिंध प्रांत में किडनैप की गई 6 वर्षीय हिन्दू लड़की प्रिया कुमारी का उदाहरण देते हुए कहा कि ये घटनाएं पाकिस्तान के लिए चिंताजनक हैं। उन्होंने बताया कि कट्टरपंथी सिंध प्रांत में हमारी हिन्दू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराते हैं और उन्हें घर से जबरन उठा ले जाते हैं।  जबकि इस्लाम और कुरान सिखाता है कि इस तरह से किसी का मजह्ब नहीं बदलवाया जा सकता।
 
 
 
 
दानिश कुमार ने यह भी कहा कि ये कट्टरपंथी ना तो कुरान के अनुसार चलते हैं ना ही इंसानियत का पालन करते हैं। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण का हवाला देते हुए कहा कि हिन्दुओं ने कभी किसी धर्म विशेष पर धर्मांतरण का दबाव नहीं बनाया क्योंकि श्री कृष्ण ने कहा है कि सभी धर्म बराबर हैं और हमें किसी पर कोई दबाव नहीं बनाना चाहिए। गौरतलब है कि दानिश कुमार ने इससे पहले भी सदन में यह बताया था कि कुछ सांसद उन्हें इस्लाम अपनाने का लालच देते हैं और दबाव डालते हैं। वो कहते हैं कि कलमा पढो। वह 2018 में बलूचिस्तान अवामी पार्टी से अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट पर चुने गए थे और पहले भी वह बलूचिस्तान की विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।
 
 
जनवरी 2023 में UN ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर एक रिपोर्ट जारी की थी। UN के 12 विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों के अपहरण, धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह के मामलों पर चिंता जताई थी।इसके अलावा पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीशन के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल करीब 1 हजार लड़कियों का जबरदस्ती धर्म बदलवा दिया जाता है। इनमें से ज्यादातर लड़कियां सिंध प्रांत के गरीब हिंदू समुदाय से आती हैं। इसके अलावा सिख और क्रिश्चियन कम्युनिटी की भी काफी लड़कियां इसका शिकार बनती हैं। लेकिन आय दिन वहां हो रही इन अमानवीय घटनाओं पर मानवाधिकार की दुहाई देने वालों की नजर नहीं पड़ती है। तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थानें इन घटनाओं पर मूकदर्शक बनकर देखती रहती हैं।