पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (POJK) में महंगाई, भुखमरी, पाकिस्तानी सेना के अत्याचार और क्रूरता के खिलाफ आम लोगों ने विद्रोह शुरू कर दिया है। पिछले 2-3 दिनों से POJK हिंसा की आग में जल रहा है। मीरपुर, मुजफ्फराबाद, दादयाल, भिम्बर जैसे इलाके पूरी तरह से आग में धधक रहे हैं। आम जनता सड़कों पर उतरकर पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों, और सेना पर हमले कर रही है। मुजफ्फराबाद और रावलकोट समेत कई जगहों पर सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई है। यह झडपें भी पाकिस्तानी सेना के क्रूरता पूर्ण रवैये को लेकर ही है। यहाँ अपने अधिकारों की मांग को लेकर आम जनता शान्ति पूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन ये सब कुछ पाकिस्तान को देखा नहीं गया और पाकिस्तान ने जुल्म ढाहना शुरू कर दिया। आम जनता अपनी मांगों को लेकर मुजफ्फराबाद तक मार्च निकाल रही थी लेकिन उसकी अनुमति पाकिस्तान प्रशासन से नहीं मिली। लिहाजा प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हुआ और मामला बढ़ता ही चला गया।
बहरहाल पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में हो रहे हालिया विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत दे रहा है कि पाकिस्तान की पकड़ दशकों से कब्जा किए गए इस हिस्से पर कमजोर पड़ने लगी है। अब यहाँ के लोग भी पाकिस्तान के असल रूप से वाकिफ हो चुके हैं। भुखमरी, महंगाई, बिजली की कटौती और POJK की प्राकृतिक संसाधनों का लगातार दोहन अब POJK के लोगों को बर्दाश्त नहीं। लिहाजा अपनी मांगों को लेकर वे लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं। लेकिन पाकिस्तानी सेना हथियारों और अत्याचारों के दम पर इस आवाज को दबाने में जुटी है। इस बीच सबसे दुखद स्थिति यह है कि POJK में हो रहे इस मानवाधिकारों के उलंघन पर किसी भी मेन स्ट्रीम मीडिया या तथाकथित मानवाधिकार की दुहाई देने वाली संस्थाएं संज्ञान तक नहीं ले रही। पाकिस्तान की क्रूरता से परेशान होकर अब POJK के लोगों को भी यह लगने लगा है कि हमारा सुरक्षित भविष्य सिर्फ भारत के साथ ही है।
यही कारण है कि आज रावलकोट में पाकिस्तानी झंडा हटाकर भारतीय तिरंगा लहराया जा रहा है। पैदल मार्च में तिरंगा नजर आ रहा है। POJK के लोग लगातार नारा लगा रहे हैं कि...... 'यह जो दहशतगर्दी है उसके पीछे वर्दी है', हम लेकर रहेंगे आजादी - है हक़ हमारा आजादी और पाकिस्तान मुर्दाबाद जैसे नारे जोरशोर से लगाये जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रति लोगों का यह गुस्सा और POJK में पैदा हुई यह स्थिति बतलाती है कि पाकिस्तान में किस प्रकार से सरेआम मानवाधिकार का हनन किया जा रहा है। यहाँ के लोग अब लगातार भारत के साथ मिलने की मांग कर रहे हैं।
POJK में शांतिपूर्ण बंद के आह्वान पर पुलिसिया कहर के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी के बुलावे पर शनिवार को हजारों लोग सड़कों पर उतरे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। रविवार को भी पाकिस्तानी प्रशासन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन जारी रहा। इस हिंसक झड़प में अब तक 1 से 2 पुलिसकर्मियों की मौत बताई जा रही है। जबकि वहीँ 100 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। इन सब के बीच आम नागरिकों को भी गंभीर रूप से चोट आई है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, भिम्बर, मीरपुर और बाग टाउन सहित पीओजेके के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं निलंबित होने के बाद कई क्षेत्रों में मोबाइल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।