J&K में बीते 60 घंटों में 3 आतंकी हमले ; 1 आतंकी ढेर, जानें आतंकियों ने कब, कहाँ और कैसे दिया हमलों को अंजाम

    12-जून-2024
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Attack in jammu divission 
जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा में पिछले 60 घंटों में एक के बाद एक लगातार तीन आतंकी घटनाएं हुई हैं। इनमें रियासी में हुए आतंकी हमले में 9 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके अलावा 1 जवान वीरगति को प्राप्त हुआ। साथ ही मुठभेड़ में 1 आतंकी को भी मार गिराया गया। कुल तीनों घटनाओं में अब तक 5 जवानों समेत कुल 48 लोग घायल हुए हैं। चिंताजनक बात यह है कि यह तीनों घटनाएँ जम्मू संभाग के इलाकों में हुईं हैं। इन इलाकों में एक वक्त में आतंकियों की संख्या ना के बराबर थीं। लेकिन अब आतंकी एक बार फिर इन इलाकों में पुनर्जीवित होकर जम्मू-कश्मीर की शांति को भंग करने में जुटे हैं। आतंकियों का पता लगाने के लिए लगातार छानबीन चल रही है।
 
कब, कहाँ और कैसे हुआ हमला ?
 
 
रियासी में पहला हमला
 
 
इन सब में पहला आतंकी हमला रियासी जिले में हुआ था। 9 जून, शाम 6:15 बजे जब देश में लगातार तीसरी बार PM मोदी प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले थे उसके महज 1 घंटे पहले आतंकियों ने इस जघन्य हमले को अंजाम दिया। शपथ ग्रहण वाले दिन कंदा इलाके में शिव खोड़ी से कटरा जा रही बस पर आतंकियों ने 25-30 राउंड फायरिंग की। हमला इतना बेजोड़ था कि इसमें एक गोली ड्राइवर को लगी। गोली लगते ही बस ड्राईवर अपना संतुलन खो बैठा और बस गहरी खाई में गिरी। इस हादसे में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 41 घायल हो गए। मृतकों में मासूम बच्चे भी शामिल थे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए CCTV की मदद से आतंकियों की तलाश में लगे। खोजबीन के बाद कुछ क्लिप सामने आईं। लिहाजा पुलिस ने संदिग्ध आतंकियों का स्कैच जारी किया। साथ ही 20 लाख रुपए का इनाम रखा। 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। सर्च ऑपरेशन जारी।
 
 
 
 
 
कठुआ में हमला
 
 
भद्रवाह के बाद 12 जून, देर शाम 8 बजे कठुआ में पाकिस्तान बॉर्डर से लगे हीरानगर के सैदा सुखल गांव में दो आतंकियों ने घरों का दरवाजा खटखटाकर पानी मांगा। इस दौरान जब ग्रामीणों को शक हुआ तो उन्होंने दरवाजे बंद कर शोर मचाना शुरू कर दिया। घरवालों की आवाज सुनते ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में एक व्यक्ति घायल हो गया। हमले की जानकारी मिलते ही जब DIG और SSP पहुंचे तो एक आतंकी ने उनकी गाड़ी पर फायरिंग की। फायरिंग से जब कुछ नहीं बिगड़ा तो उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन उसी दौरान सुरक्षाबलों द्वारा वह आतंकी मारा गया। इसके अलावा उसका दूसरा आतंकी गांव में छिपा। आतंकियों के खोजबीन के लिए इलाके में तलाशी अभियान जारी।
 
 
 
 
 
जॉइंट चेकपोस्ट पर फायरिंग:
 
पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने रियासी में माँ वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं पर हमले के बाद 12 जून, रात करीब 1-2 बजे भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की जॉइंट चेकपोस्ट पर फायरिंग की। आतंकियों के इस हमले में 5 जवान और 1 स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) घायल बताए जा रहे हैं। इन सभी सुरक्षाकर्मियों का इलाज जारी है। सैन्य चेकपोस्ट पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स (जेईएम/जैश) ने ली है। हमले के बाद से ही इलाके में सतर्कता बढ़ गई है। व्यापक स्तर पर खोजबीन जारी है। स्थानीय लोगों से भी आतंकियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। 
 
 
 
 
सुरक्षा के कदम
 
रियासी आतंकी हमले के बाद सुरक्षा के ​खास कदम उठाए जा रहे हैं। रियासी से कटरा के 30 किलोमीटर मार्ग पर सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ा दी गई है। साथ ही इस रूट पर चलने वाली हर बस में दो सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया है कि रियासी से कटरा के बीच पांच जगहों पर पहले से बैरक बने हैं। अब पांच और जगहों पर बैरक बनाए जा रहे हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि हमला श्री माता वैष्णो देवी यात्रा बाधित करने और तीर्थ यात्रियों में डर पैदा करने के इरादे से किया गया था। इसलिए श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान सावधानी रखने की सलाह दी गई है। इसमें रात में यात्रा करने से बचना, जंगलों के पास न रुकना और केवल आवासीय क्षेत्रों में ठहरना शामिल है। इसके अलावा श्री अमरनाथ यात्रा की तरह वाहनों और यात्रियों को ट्रैक करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) से टैग करने पर भी विचार किया जा रहा है।