"बलिदानी के माता-पिता को 50% पत्नी को 50%.." ; अनुग्रह राशि पर MP सरकार का सराहनीय फ़ैसला

    19-जुलाई-2024
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MP CM Mohan Yadav 
मध्य प्रदेश सरकार ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर बलिदानियों के परिजनों को लेकर अहम् फैसला किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 'हमने तय किया है कि प्रदेश के किसी भी जवान के बलिदान होने पर उनके परिवार को दी जाने वाली अनुग्रह राशि में 50 प्रतिशत पत्नी को और 50 प्रतिशत माता-पिता को दी जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार (19 जुलाई) को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस बात की घोषणा की कि प्रदेश के बलिदानियों के परिवार को दिया जाने वाला 1 करोड़ रुपये का मुआवजा अब पत्नी और माता-पिता के बीच समान रूप से बांटा जाएगा।
 
 
MP सरकार के इस घोषणा के मुताबिक अब बलिदानी की पत्नी को 50 लाख रुपये और माता-पिता को भी 50 लाख रुपये मिलेंगे। यह फैसला कैप्टन अंशुमान सिंह से जुड़े विवाद के बाद सामने आया है, जो 19 जुलाई, 2023 को सियाचिन में सेवा के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। कैप्टन अंशुमान ने सियाचिन कैम्प में लगी अचानक आग के दौरान वीरता का परिचय देते हुए अपने साथी सैनिकों को आग से बचाया था लेकिन दुखद रूप से इस हादसे में उनकी जान चली गई। हाल ही में भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। इस सम्मान को उनकी पत्नी ने ग्रहण किया। सम्मान मिलने के बाद ही अंशुमान के परिजनों ने उनकी पत्नी पर आरोप लगाया कि वो सरकार द्वारा मिली राशि को लेकर विदेश जा रही है।
 
 
 
 
 
बहरहाल अब इस घटना को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने इस बात कि घोषणा है कि अब सहायता राशि को पत्नी और माता पिटा के बीच समान रूप से आधा आधा बांटा जाएगा। गौरतलब है कि इस घोषणा से पहले, नेक्स्ट ऑफ किन (NoK) नीति में कहा गया था कि यदि कोई सैनिक अविवाहित था, तो उसके माता-पिता को पूरी राशि मिलती थी। हालाँकि, यदि सैनिक शादी शुदा था, तो उसकी पत्नी को पूरा मुआवजा मिलेगा। अंशुमान के माता-पिता को लगा कि यह अनुचित है, क्योंकि वे भी अपने बेटे के बलिदान के लिए मान्यता और समर्थन चाहते थे। उन्हें चिंता थी कि सम्मान और वित्तीय मुआवज़ा पूरी तरह से उनकी पत्नी स्मृति सिंह को मिलेगा।