जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के मट्टन इलाके में रविवार रात एक रहस्यमयी घटना में कश्मीरी हिंदुओं के चार बहुमंजिला घर जलकर खाक हो गए। ये बहुमंजिला घर तब से खाली पड़े थे, जब से इन घरों के मालिक 1990 में आतंकवाद और अलगाववाद के कारण अन्य कश्मीरी हिंदुओं की तरह कश्मीर घाटी से विस्थापित होने पर मजबूर हुए थे। इन घरों में किसी के ना होने के कारण भी यह बहुमंजिला घर बेहतर हालत में थे। लेकिन रविवार देर रात लगी आग में करीब 3-4 घार पूरी तरह से जलकर ख़ाक हो गए।
हालाँकि आग कैसे लगा और किस कारण से लगा अभी इसे लेकर कुछ कह पाना बेहद मुश्किल है। यह घटना जांच का विषय है। क्योंकि स्थानीय लोगों की मानें तो जब इस घर में दशकों से कोई रहता ही नहीं था तो यह घटना शॉर्ट सर्किट की तो नहीं हो सकती। स्थानियों का कहना कि यह आग जान बुझकर लगाई गई है। हालाँकि अभी तक इस मामले में प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी सामने नहीं आई है। प्रशासन को इस पूरी घटना पर जांच बैठानी चाहिए ताकि आग के कारणों का पता चल सके।
X पर अनेक कश्मीरी हिन्दुओं का कहना है कि इस तरह की घटना 1990 में भी हुई और अब जब हालात सामान्य हो रहे हैं तो एक बार फिर इस तरह की घटना को देखकर पता चलता है कि यह उन कश्मीरी हिंदुओं का मनोबल गिराने की कोशिश हो सकती है, जो घाटी में अपने घरों को लौटने पर विचार कर रहे हैं। विभिन्न कश्मीरी हिंदू संगठनों ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और गहन जांच की मांग की है।
शारदा बचाओ समिति के प्रमुख रविंदर पंडिता ने एक ट्वीट में घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह तोड़फोड़ की कार्रवाई प्रतीत होती है उन्होंने लिखा "ऐसा लगता है कि यह तोड़फोड़ है। वहाँ कोई नहीं रहता था। इसलिए शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य प्राकृतिक कारण का कोई सवाल ही नहीं है। स्पोर्ट्स स्टेडियम के पास मट्टन में लगी भीषण आग में 3 से 4 प्रवासी घर और एक कोठार जलकर खाक हो गए। आग में जले हुए घर आनंद राजदान, शादी लाल राजदान और शाम लाल पटवारी के थे। उन्होंने लिखा कि घाटी में बचे हुए कश्मीरी हिन्दुओं के प्रतीकों को नष्ट किया जा रहा है। यह घटना बहुत दुखद है।