जम्मू कश्मीर में महबूबा म्फ्ती की पार्टी PDP ने विधानसभा चुनाव के लिए एक और नई लिस्ट जारी की है। इस नए लिस्ट में 4 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस लिस्ट में PDP ने खान साहिब, करनाह, बारामूला, सोपोर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारों का एलान किया है। इससे पहले PDP ने गत बुधवार को 17 उम्मीदवारों की सूचि जारी की थी। इस लिस्ट में खुर्शीद अहमद और बशीर अहमद मीर जैसे नेताओं के नाम भी शामिल थे।
नई लिस्ट में इन उम्मीदवारों के नाम
मंसूर अहमद वानी- खान साहब विधानसभा क्षेत्र
फिरदौस अहमद मीर- करनाह विधानसभा क्षेत्र
मोहम्मद रफीक राथर- बारामूला विधानसभा क्षेत्र
इरफान लोन- सोपोर विधानसभा क्षेत्र
दूसरी सूचि के उम्मीदवार
मोहम्मद खुर्शीद आलम - ईदगाह
शेख गौहर अली- जदीबल
मोहम्मद इकबाल ट्रंबो- चानापोरा
बशीर अहमद मीर- गांदरबाल
सैयद मुनात्ज़िर मेहदी- बडगाम
जावैद चौधरी- सुरेनकोटे
महरूफ खान- मंढेर
फारूक इंकलाबी- गुलाबघर
सैयद माजिद शाह- कलाकोते-सुंदरवणी
हक नवाज- नौशेरा
मास्टर तजादुक हुसैन- राजौरी
गुफ्तार अहमद चौधरी- बुद्धल
कमर हुसैन चौधरी-थन्नामंडी
सैयद तजामुल इस्लाम- बांदीपोरा
अब्दुल हक खान- लोलाब
बशारत बुखारी-वागूरा-क्रेरी
जावेद इकबाल गनी- पट्टन
राष्ट्रीय स्तर पर PDP भले ही INDI गठबंधन का हिस्सा हो लेकिन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में वह नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के लिए गांदरबल में मैदान खाली नहीं छोड़ रही है। PDP ने बुधवार को अपने 17 उम्मीदवारों की जो सूची जारी की थी उसमें बशीर अहमद मीर को गांदरबल से अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि PDP ने पहले इस सीट से शेख बिलाल को प्रत्याशी तय किया था, किंतु मंगलवार को वह PDP से अलग हो गए। लिहाजा उमर अब्दुल्ला ने भी मंगलवार को ही गांदरबल से चुनाव लड़ने की पुष्टि की थी। ऐसे में PDP ने भी अपना दूसरा उम्मीदवार इस सीट से घोषित कर दिया।
लोकसभा चुनाव के दौरान ही उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती ने यह दावा किया था कि अगर जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होते हैं तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालाँकि वक्त के साथ जहां NC उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अपने ही बयानों से कन्नी काटते हुए चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया ठीक वहीं महबूबा मुफ़्ती अपने बयान पर अडिग रहीं और उन्होंने ऐलान कर दिया कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। महबूबा ने कहा अगर वह मुख्यमंत्री बन भी जाती हैं तो भी वह केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पार्टी के एजेंडे को पूरा नहीं कर पाएंगी। यानि महबूबा मुफ़्ती को भी पता है कि चुनाव के दौरान जो दावे उनकी तरफ से किए जा रहे हैं उन्हें पूरा कर पाना संभव नहीं है।
इनमें अनुच्छेद 370 की बहाली, आतंकी फंडिंग मामले में जेल में बंद अलगाववादी नेताओं की रिहाई, LOC पार से ट्रेड जैसे अनेक ऐसे मुद्दे हैं जो भारत विरोधी है और उनका लागू हो पाना संभव नहीं। लेकिन यह बात शायद NC को नहीं पता। NC का पूरा फोकस ही ऐसे ही चुनावी वादों पर है जो राष्ट्रहित में नहीं है। बहरहाल PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने खुद भले ही चुनाव न लड़ने का फैसला किया हो लेकिन उन्होंने अपने पीछे अपनी बेटी को चुनाव मैदान में उतार कर यह तय कर दिया कि जम्मू कश्मीर में परिवारवाद वाली राजनीति तो चलती रहेगी। महबूबा मुफ़्ती की बेटी PDP के पारम्परिक सीट बिजबिहेरा से ही चुनावी मैदान में हैं। यह सीट PDP का गढ़ मानी जाती रही है।