नरसंहार के 35 साल : ब्रिटेन की संसद में उठी कश्मीरी हिन्दुओं के हितों की आवाज ; न्याय देने के लिए प्रस्ताव हुआ पेश

    18-जनवरी-2025
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Kashmiri Hindu Genocide 35th Anniversary : 19 जनवरी को पूरी दुनिया में कश्मीरी हिंदू 'महाविनाश दिवस' (Black Day) के रूप में मनाते हैं। यह वही दिन है जब 1990 में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी हिंदुओं पर जानलेवा हमले किए गए थे। पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकियों ने स्थानीय आतंकवादी संगठनों की मदद से कश्मीरी हिंदुओं को उनके घरों से उखाड़ फेंका, उनका दमन किया और उनके धार्मिक-सांस्कृतिक अस्तित्व को नष्ट करने की कोशिश की। यह वह दिन था जब कश्मीर घाटी में निर्दोष कश्मीरी हिंदुओं को हिंसा का शिकार बनाया गया, जो आज भी उनकी यादों में एक दर्दनाक घटना के रूप में अंकित है।
 
2025 में, इस नरसंहार की 35वीं बरसी के अवसर पर, ब्रिटेन की संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें कश्मीरी हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा और उनके न्याय की बात उठाई गई। ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक अर्ली डे मोशन (EDM) पेश किया। यह प्रस्ताव हाउस ऑफ कॉमन्स में बहस के लिए प्रस्तुत किया गया था और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कश्मीरी हिंदुओं के दर्द और संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाए।
 
 
 
 
 
अर्ली डे मोशन में सांसद ने कहा, "यह सदन जनवरी 1990 में कश्मीरी हिंदुओं पर हुए हमलों की 35वीं बरसी को गहरे शोक और निराशा के साथ मनाता है। हम उन परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं जो इस हिंसा का शिकार हुए।" इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि कश्मीरी हिंदुओं को इस हिंसा के बाद विस्थापन और पीड़ा का सामना करना पड़ा, लेकिन आज तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया।
 
 
संसद में पेश किए गए प्रस्ताव में यह भी व्यक्त किया गया कि, "हम उन आतंकवादी हमलों को प्रायोजित करने वालों की कड़ी निंदा करते हैं, जिन्होंने कश्मीरी हिंदुओं को निशाना बनाया। हम जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं की लगातार हत्याओं की भी निंदा करते हैं।" यह प्रस्ताव कश्मीरी हिंदुओं की पीड़ा और उनके अधिकारों के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। कश्मीरी हिंदुओं के खिलाफ हुए अत्याचारों की पहचान और न्याय की प्रक्रिया की दिशा में यह एक अहम प्रयास है।