भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के साथ-साथ देशभर में विभिन्न खाली सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बड़गाम और नगरोटा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को आगामी मौसम में कड़ी ठंड और बर्फबारी को देखते हुए टाल दिया है।
उत्तर भारत, विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन दिनों तापमान माइनस में रहने के कारण बर्फबारी और अत्यधिक ठंड के चलते चुनाव आयोग के लिए चुनावी प्रचार और अन्य व्यवस्थाएं करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। कश्मीर के कई हिस्सों में हाल ही में बर्फबारी भी हुई है, जिससे चुनावी तैयारियों में और परेशानी आ रही है। इस वजह से आयोग ने इन सीटों पर उपचुनाव स्थगित कर दिए हैं, हालांकि यह भी संभावना जताई जा रही है कि गर्मी के मौसम में, जैसे अप्रैल या मई-जून के बीच इन उपचुनावों का आयोजन किया जा सकता है।
बड़गाम सीट नेशनल कांफ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा छोड़ी गई थी, जिन्होंने गांदरबल सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। वहीं नगरोटा सीट भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता देविंदर सिंह राणा के निधन के बाद खाली हुई थी। इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा से चुनावी हलचल तेज हो गई थी, क्योंकि ये दोनों सीटें सत्तारूढ़ दल के लिए अहम मानी जाती हैं।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक और नया मोड़ आ सकता है। उमर अब्दुल्ला के बेटे जमीर अब्दुल्ला, जो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपने पिता के साथ प्रचार तक सीमित थे, अब जम्मू-कश्मीर की राजनीति में सक्रिय होने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। उन्हें बड़गाम विधानसभा सीट पर उपचुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उम्मीदवार के रूप में उतारे जाने की संभावना जताई जा रही है, हालांकि यह अभी तक सिर्फ कयास ही हैं। ऐसी खबर मिल रही है कि बडगाम सीट पर उमर के बड़े पुत्र जमीर और मुख्यमंत्री उमर के सलाहकार नासिर असलम वानी के अलावा आगा सैयद महमूद के नाम को लेकर चर्चा जारी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2024 में उमर अब्दुल्ला ने नेकां के उम्मीदवार के रूप में बड़गाम और गांदरबल सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों पर जीत दर्ज की थी। बाद में उन्होंने बड़गाम सीट से त्यागपत्र दे दिया, जिससे यह सीट अब खाली हो गई है। इसी तरह, नगरोटा सीट भी देविंदर सिंह राणा के निधन के बाद खाली पड़ी है।