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उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi aka Jitendra Singh's,), जिन्हें अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के नाम से जाना जाता है, हाल ही में महाकुंभ मेला के दौरान पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। संगम स्नान के बाद उन्होंने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा संगठन बनाने जा रहे हैं, जो इस्लाम से सनातन धर्म में आने वाले व्यक्तियों को हर महीने 3 हजार रुपये की मदद देगा। इसके साथ ही, वह उन लोगों को छोटे कारोबार शुरू करने में भी मदद करेंगे, ताकि वे पूरी तरह से सनातन धर्म में समाहित हो सकें।
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने अपने बयान में कहा, "आज मुझे संगम स्नान कर बेहद खुशी महसूस हो रही है। मैं इस पवित्र भूमि से देश के सभी मुसलमानों से अनुरोध करता हूं कि वे सनातन धर्म में घर वापसी के बारे में सोचें।" उन्होंने यह भी कहा कि "आपको कट्टरपंथी और जेहादी मानसिकता से बाहर निकलकर अपनी खुशी से सनातन धर्म को अपनाना चाहिए। सनातन धर्म हमेशा आपका स्वागत करता है।"
वसीम रिजवी ने 3 साल पहले इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म को अपनाया था और तब उनका नाम बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा गया। इस परिवर्तन के बाद, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया और उनके शुद्धिकरण के अनुष्ठान भी संपन्न किए। हवन-यज्ञ सहित सभी धार्मिक कृत्य महामंडलेश्वर के मार्गदर्शन में किए गए थे।
अपने धर्म परिवर्तन के बाद वसीम रिजवी ने कहा था, "जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है, तो यह मेरी स्वतंत्र इच्छा है कि मैं किस धर्म को अपनाऊं। मैंने सनातन धर्म को चुना क्योंकि यह दुनिया का सबसे पुराना और महान धर्म है।"
उनके इस कदम ने एक नई दिशा दी है, जिसमें वह मुस्लिम समुदाय के उन लोगों को सनातन धर्म में घर वापसी के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं, जो स्वयं इस्लाम से बाहर निकलकर हिन्दू धर्म को अपनाना चाहते हैं। उनके द्वारा प्रस्तावित सहायता राशि और कारोबार में मदद की योजना, समाज में समरसता और धार्मिक बदलाव की दिशा में एक कदम मानी जा रही है।