Raisina Dialogue 2025: 'UN के पाखंड से कश्मीर बना विवाद का केंद्र..' : J&K के मुद्दे पर पश्चिमी देशों को एस जयशंकर ने जमकर लताड़ा

    18-मार्च-2025
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S Jaishankar slam USA, UK & West for HYPOCRISY on Kashmir 
 
नई दिल्ली: रायसीना डायलॉग 2025 में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर पश्चिमी देशों की दोहरी नीति पर करारा हमला बोला। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जिस तरह सरकारें अपने देश में व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करती हैं, उसी तरह वैश्विक स्तर पर भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। जयशंकर ने खासतौर पर ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) से जुड़े मुद्दों पर पश्चिमी देशों के पाखंडपूर्ण रवैये की आलोचना की।
 
 
कश्मीर मुद्दे पर पश्चिमी देशों को सुनाई खरी खोटी  
 
 
जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे पर पश्चिमी देशों के दोहरे रवैये को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भारत के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सबसे लंबे समय से पाकिस्तान और चीन का अवैध कब्जा है। 1947 में भारत की आजादी के महज दो महीने बाद ही पाकिस्तान ने हमला कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। बाद में, 1950 और 1960 के दशक में चीन ने भी लद्दाख के इस इलाके पर कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से भारत की जमीन पर हुए आक्रमण को पश्चिमी देशों ने एक "क्षेत्रीय विवाद" में बदल दिया, जिससे हमलावर और पीड़ित को बराबर खड़ा कर दिया गया।
 
 
 
 
 
पश्चिमी देशों के पाखंड को किया बेनकाब  
 
 
जयशंकर ने अफगानिस्तान के राजनीतिक हालात में पश्चिमी देशों के अवसरवादी रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने तालिबान के उत्थान और पतन को पश्चिमी देशों की नीतियों का परिणाम बताया। जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात बिगड़ने के लिए वही देश जिम्मेदार हैं, जिन्होंने पहले तालिबान को चरमपंथी बताया और बाद में उनके नेताओं को दोहा और ओस्लो जैसी बैठकों में मेहमान बनाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो तालिबान कभी आतंकवादी थे, अब सूट-टाई पहनकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नजर आते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें गंभीर अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बताया जाता है।
 
 
संयुक्त राष्ट्र में भारत के साथ अन्याय
 
 
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के साथ हुए अन्याय का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब भारत ने कश्मीर पर पाकिस्तान के आक्रमण के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अपील की, तो पश्चिमी देशों ने इसे कूटनीतिक विवाद में बदल दिया। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश इस गलत बयानी में शामिल थे। उन्होंने कहा कि भारत की शिकायत के बावजूद दोष समान रूप से मढ़ा गया, जबकि असली हमलावर पाकिस्तान था।
 
 
ग्लोबल साउथ के साथ भेदभाव पर भी उठाए सवाल
 
 
जयशंकर ने विकासशील देशों के साथ पश्चिमी देशों के भेदभावपूर्ण रवैये की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था में ग्लोबल साउथ को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है और उनकी समस्याओं को उपेक्षित कर दिया जाता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के इन तीखे बयानों ने पश्चिमी देशों की दोहरी नीति को बेनकाब किया है। उन्होंने साफ कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ताकतवर देशों के दोहरे मापदंड अब अधिक समय तक नहीं चलने वाले। रायसीना डायलॉग में जयशंकर का भाषण वैश्विक राजनीति में भारत की मुखर और स्पष्ट स्थिति को दर्शाता है।