16 अप्रैल 1853: भारतीय रेल का जन्मदिन ; 172 साल पहले शुरू हुई वो यात्रा, जो आज भी करोड़ों दिलों की रफ्तार है

    16-अप्रैल-2025
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Indian Railway anniversary and history
 
Indian Railways History : आज की तेज़ रफ्तार दुनिया में जब हम वंदे भारत और राजधानी जैसी ट्रेनों की बात करते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि इस गौरवशाली अध्याय की शुरुआत सिर्फ 34 किलोमीटर की यात्रा से हुई थी। 16 अप्रैल 1853 को भारत की पहली यात्री रेलगाड़ी ने मुंबई (बोरीबंदर) से ठाणे तक सफर किया और यहीं से भारत में रेल युग की नींव पड़ी।
 
 
इतिहास की झलक: पहली ट्रेन की खास बातें
 
 
1. तीन इंजन— साहिब, सिंध और सुल्तान
 
 
2. 14 डिब्बे और 400 विशेष आमंत्रित यात्री
 
 
3. कुल दूरी: 34 किमी | कुल समय: 1 घंटा 15 मिनट
 
 
4. रवाना होने का समय: 3:30 बजे दोपहर
 
 
5. ठाणे पहुंचने का समय: 4:45 बजे शाम
 
 
21 तोपों की सलामी और तालियों की गूंज
 
 
यह कोई साधारण यात्रा नहीं थी जब ट्रेन बोरीबंदर स्टेशन से रवाना हुई, तो एक विशाल जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से आसमान गूंजा दिया और 21 तोपों की सलामी ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया। 
 
Indian Railway anniversary and history
 
 
आज की भारतीय रेल
 
 
1. विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क
 
 
2. एशिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क
 
 
3. सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनें, नमो रैपिड रेल, तेजस जैसी ट्रेने देश को एक नई रफ़्तार दे रही हैं..
 
 
4. कर्नाटक के हुबली में दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म
 
 
5. अत्याधुनिक सिग्नलिंग और तकनीक का उपयोग
 
 
इतिहास की झलकियाँ 
 
 
1. 1864: दिल्ली और हावड़ा के बीच रेल सेवा शुरू हुई
 

2. 1901: रेलवे बोर्ड की स्थापना
 

3. 1925: पहली विद्युत रेलगाड़ी बॉम्बे में चली
 

4. 1951: भारतीय रेलवे का राष्ट्रीयकरण
 

5. 1986: कंप्यूटर से टिकट बुकिंग की शुरुआत
 

6. 2023-25: वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों का संचालन और बुलेट ट्रेन की योजना
 
 
भारतीय रेल की विशेषताएं
 
 
1. 68,000 किमी से अधिक लंबा नेटवर्क

 
2. प्रतिदिन 2.3 करोड़ से अधिक यात्री
 

3. 12,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन
 

4. देश के लगभग हर कोने को जोड़ने वाला सबसे किफायती साधन
 
 
भारतीय रेल: सिर्फ एक सेवा नहीं, एक भावना है
 
 
भारतीय रेल एक ऐसी धड़कन है,
 
* जो गाँव को शहर से जोड़ती है,
 
* जो परिवार को भावनाओं से जोड़ती है 
 
* और जो देश को आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की ओर ले जाती है।