
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर पहलगाम में आतंकियों ने बड़े हमले को अंजाम दिया है। आज यानि मंगलवार शाम को इस्लामिक जिहादियों ने पर्यटकों पर कायरतापूर्ण हमला कर दिया। आतंकियों ने न सिर्फ गोलियां चलाईं, बल्कि उससे पहले एक सोची-समझी साजिश के तहत हिंदू पर्यटकों की पहचान कर उन्हें अपना निशाना बनाया। इस वीभत्स हमले में 2 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
हमला पहलगाम की बैसरन घाटी के ऊपरी हिस्से में हुआ, जो कि आमतौर पर पर्यटकों के लिए बेहद लोकप्रिय स्थान माना जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पहले पर्यटकों से उनके नाम और धर्म पूछे, और जब उन्हें यह पता चला कि वे हिंदू हैं, तब उन पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। यह साफ तौर पर एक सुनियोजित और धर्म के आधार पर किया गया नरसंहार था।
बहरहाल इस हमले में कितने लोग मारे गए हैं इस बात की स्पष्ट जानकारी तो सामने नहीं आ रही है लेकिन घटनास्थल से ऐसी बातें जरुर सामने आ रही हैं कि करीब 27 से 30 निर्दोष पर्यटक इस हमले के शिकार हुए हैं। 12 से अधिक घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इस घटना के तुरंत बाद गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं। गृहमंत्री शाह जम्मू कश्मीर में हुए इस हमले पर उच्चस्तरीय बैठक करेंगे और घटना की जानकारी लेंगे।
TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले के पीछे प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन TRF (The Resistance Front) जिम्मेदार है। TRF ने सोशल मीडिया के जरिए इस कायरतापूर्ण हमले की जिम्मेदारी भी ले ली है। इतना ही नहीं, इस आतंकी हमले में कुछ घोड़े भी घायल हुए हैं, जिन्हें गोलियां लगी हैं। यह हमला मानवता के हर उस मूल्य को ठेस पहुँचाता है, जिसे कश्मीर की धरती सदियों से संजोए हुए थी।
सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई शुरू
घटना के तुरंत बाद CRPF की क्विक रिएक्शन टीम (QRT) को घटनास्थल पर भेजा गया है। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और तलाशी अभियान जारी है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हमलावरों की संख्या दो से तीन थी और वे पुलिस यूनिफॉर्म में छिपे हुए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले का शिकार बने पर्यटक राजस्थान से आए हुए थे, जो पहलगाम की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने पहुंचे थे।
पहलगाम को अब तक जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों में माना जाता था जहां आतंकवाद की मौजूदगी बहुत कम थी। लेकिन इस हमले ने साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद का चेहरा बदल गया है और वो पर्यटन स्थलों तक पहुंच चुका है। गर्मियों की छुट्टियों का मौसम शुरू होने वाला है और ऐसे समय में इस प्रकार का हमला न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि भारत की आतंरिक सुरक्षा नीति को भी चुनौती देता है।
गृहमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक
हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। वे लगातार अधिकारियों से इस हमले की जानकारी ले रहे हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस हमले पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
आतंक समर्थित पाकिस्तान फिर बेनकाब!
हमले के पीछे पाकिस्तान की शह भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था। इसके कुछ ही दिनों बाद पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर हमला होना इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, असीम मुनीर की यह बयानबाजी लश्कर, जैश और हिजबुल जैसे आतंकी संगठनों को जम्मू-कश्मीर में हमले के लिए प्रेरित कर रही है।
इससे कुछ ही दिन पहले, POJK के अवामी एक्शन कमेटी के नेता अजमल राशिद ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए बताया था कि पाकिस्तान कैसे पीओजेके की ज़मीन का उपयोग भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए कर रहा है। उन्होंने साफ कहा था कि पाकिस्तान आर्मी खुद ऐश करती है, अपने बच्चों को विदेश भेजती है और गरीब कश्मीरी युवकों को आतंक के दलदल में धकेलती है।
यह हमला सिर्फ कुछ लोगों पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है। कश्मीर की धरती को फिर एक बार आतंक की आग में झोंकने की साजिश की गई है, जिसे अब जड़ से उखाड़ फेंकना जरूरी हो गया है।