Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए निर्णायक कार्रवाई की है। इस हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए पांच अहम फैसले लिए गए हैं।
भारत सरकार के पांच बड़े फैसले:
1. सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। अब भारत सिंधु नदी के जल संसाधनों पर अपने अधिकार को पूरी तरह लागू करेगा।
2. भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी बॉर्डर से होने वाली सभी आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। यात्रियों और माल की आमद-रफ्त पर यह प्रतिबंध तत्काल लागू हो गया है।
3. भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश जारी किया गया है।
4. भारत में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग और पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्चायोग को बंद करने का निर्णय लिया गया है। दोनों देशों के राजनयिकों को 7 दिनों के भीतर वापस बुला लिया जाएगा।
5. आगामी आदेश तक किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय वीजा नहीं दिया जाएगा।सभी प्रकार की वीजा सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं।
क्या है सिंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ एक ऐतिहासिक समझौता है, जिसे विश्व बैंक की मध्यस्थता में किया गया था। इस समझौते के तहत सिंधु प्रणाली की छह नदियों को दो भागों में बांटा गया था:
पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम और चेनाब): इनका उपयोग मुख्यतः पाकिस्तान को दिया गया।
पूर्वी नदियाँ (रावी, सतलुज और ब्यास): इनका उपयोग भारत को सौंपा गया।
हालांकि भारत को पश्चिमी नदियों पर सीमित उपयोग (जैसे सिंचाई, पनबिजली आदि) की अनुमति थी, लेकिन भारत ने अब तक इस समझौते का पूरी तरह से पालन किया।
आलोचकों का कहना रहा है कि पाकिस्तान भारत में आतंकी गतिविधियों को समर्थन देता रहा है, जबकि भारत वर्षों से इस समझौते का सम्मान करता आया है। ऐसे में इस समझौते को रद्द करना पाकिस्तान पर जल-आधारित दबाव बनाने की दिशा में एक बड़ा और कड़ा कदम माना जा रहा है।
बैठक में शामिल हुए उच्चस्तरीय अधिकारी
प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक करीब ढाई घंटे चली, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
हमले के बाद देश में गुस्सा
गौरतलब है कि मंगलवार को पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। पर्यटकों को निशाना बनाकर की गई इस बर्बर घटना के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है। घटना के बाद से ही दिल्ली से श्रीनगर तक सुरक्षा एजेंसियों की लगातार बैठकें जारी हैं।
भारत सरकार के इन फैसलों को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ माना जा रहा है, जिससे स्पष्ट संकेत जाता है कि अब भारत किसी भी हाल में पाकिस्तान के आतंकवाद को सहन नहीं करेगा।